किडनी रोगी के लिए फायदेमंद है “सोयाबीन”


Image result for सोयाबीनअन्य खाद्य उत्पादों के मुकाबले सोयाबीन प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है. यह दलहन की एक फसल है, जिसके बीजों को खाने में शामिल किया जाता है. शाकाहारी लोगों के लिए सोयाबीन प्रोटीन का सबसे अच्छा विकल्प है, इसलिए शाकाहारी लोगों को सोयाबीन को किसी ना किसी रूप में अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिए. भारत में यह चीन और जापान से होते हुए आई है, वर्तमान समय में इसकी खेती मध्यप्रदेश, राजस्थान, और महाराष्ट्र के अलावा कुछ हिस्सों में की जाती है.
सोयाबीन के पोषक तत्व :-
इस बात से तो सभी वाकिफ है की सोयाबीन में प्रोटीन, वसा और एंटीऑक्सीडेंट तत्व प्रचुर मात्रा में मिलते है. इसके अलावा सोयाबीन में विटमिन K, विटामिन बी 6, विटामिन C, राइबोफ्लेविन, फोलेट,  थायमिन तथा खनिज के रूप में आयरन , मेगनीज , फॉस्फोरस, कॉपर , पोटेशियम , मेग्नेशियम , मेगनीज, ज़िंक, सेलेनियम तथा कैल्शियम पाए जाते हैं।
सोयाबीन का प्रयोग :-
सोयाबीन को आप अपने आहार में कई तरीकों से शामिल कर सकते है. सोयाबीन से सोया दूध और टोफू तैयार किया जाता है, जो लोग दुग्ध उतापदों और मांसाहार से परहेज करते हैं उनके लिए सोया दूध और टोफू प्रोटीन एक अच्छा विकल्प है. सोयबीन से तेल, सोया सॉस, मिसों जैसे कुछ खास खाद्य उतापदों का निर्माण किया जाता है. आप सोयाबीन का सेवन गेंहू के साथ पिसवाकर भी कर सकते हैं और आप इसे भिगों कर भी इसका सेवन कर सकते है.
किडनी के लिए सोयाबीन :-
सोयाबीन उच्च प्रोटीन का स्रोत है. सोयाबीन के पोषक तत्वों के बारे में आपने ऊपर जाना, यह सभी पोषक तत्व किडनी के लिए उत्तम माने जाते हैं. सोयाबीन किडनी को स्वस्थ रखने में काफी मदद करती है. यह ना केवल किडनी को स्वस्थ रखती है बल्कि यह कुछ ऐसे रोगों से आपको बचा कर रखती है, जिनसे किडनी खराब होने का खतरा रहता है. सोयाबीन निम्नलिखित तरीकों से किडनी को खराब होने से बचाती है –
उच्च रक्तचाप में सोयाबीन –
उच्च रक्तचाप की समस्या को लोग अक्सर नज़रअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह बहुत गंभीर समस्या है. शरीर में सोडियम की अधिक मात्रा होने के कारण व्यक्ति को उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझना पड़ता है. इस समस्या से निजात पाने के लिए आप अपने आहार में सोयाबीन को शामिल कर सकते हैं. सोयाबीन में पोटेशियम पाया जाता है जो शरीर में सोडियम की मात्रा को कम करने में सहायक होता है. पोटेशियम रक्त धमनियों को शांत कर रक्त वाहिकाओं को फैलने में मदद करता है, जिससे रक्त प्रवाह सुचारू होता है. इस प्रिक्रिया से उच्च रक्तचाप की समस्या धीरे-धीरे खत्म होने लगती है. ध्यान दें, सोयाबीन में प्रोटीन और पोटेशियम दोनों मिलते है जिनकी अधिक मात्रा किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है. इसीलिए इसे कम मात्रा में ही अपने आहार में शामिल करे. अगर आप किडनी की समस्या से जूझ रहे हैं, तो आप चिकित्सक की सलाह से सप्ताह में एक बार इसका सेवन कर सकते हैं.  
मधुमेह में सोयाबीन –
अगर आप मधुमेह जैसी गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको अपने आहार में सोयाबीन को जरुर शामिल करना चाहिए. सोयाबीन का नियमित रूप से सेवन करने से रक्त शर्करा का स्तर कम होने लगता है, जो मधुमेह रोगियों के लिए लाभदायक होता है. सोयाबीन कोलेस्ट्रोल के स्तर को भी कम करने में मददगार होती है, जिससे दिल से जुड़ी समस्याएं होने का खतरा भी कम हो जाता है. मधुमेह के रोगी गेंहूँ और सोयाबीन के आटे से बनी रोटियों का सेवन कर सकते हैं. अगर आप मधुमेह के कारण पेशाब से जुड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं तो आप अपने आहार में सोयाबीन को जरूर शामिल करें.
हड्डियों के लिए सोयाबीन –
अगर आप अपनी हड्डियों को मजबूत रखना चाहते हैं, तो सोयाबीन को अपने आहार में शामिल करे. सोयाबीन में कैल्शियम और प्रोटीन होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है. हड्डियों को मजबूत करने के लिए भीगी हुई सोयाबीन या सोयाबीन के दूध का सेवन कर सकते हैं, जिससे आपको जल्द ही लाभ मिलना शुरू हो जायगा. हड्डियों को मजबूत करने का कार्य किडनी का होता है, लेकिन किडनी खराब होने के बाद वह अपने इस महत्वपूर्ण कार्य को करने में असमर्थ हो जाती है. अगर आप किडनी से जुड़ी किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो आप चिकित्सक की सलाह से ही सोयाबीन को अपने आहार में करें.
अनिद्रा से छुटकारा –
किडनी खराब हो जाने पर रोगी को अक्सर अनिद्रा जैसी समस्या से जूझना पड़ता है. क्योंकि शरीर में विषाक्त तत्व अधिक हो जाते हैं जिससे नींद नहीं आती. ऐसे में आप चिकित्सक की सलाह से सोयाबीन को अपने आहार में शामिल करे, इसके अंदर मौजूद खनिज और पोषक तत्व इस समस्या से निजात दिलाने में सहायक होते हैं.

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