किडनी से
जुडी कई समस्याए होती है जिसमे से एक समस्या है “प्रोटीनयूरिया”। किडनी की इस
बीमारी में शरीर से प्रोटीन पेशाब के साथ बाहर आने लगता है। शरीर के शारीरिक और
मानसिक विकास के लिए प्रोटीन अति आवश्यक होता है। प्रोटीन हमारे रक्त में पाया
जाता है। रक्त में पाए जाने वाले प्रोटीन को एल्बुमिन कहा जाता है।
रक्त में मौजूद प्रोटीन हड्डियो को मजबूत करने और मांसपेशियों को बनने में मदद
करता है। स्वस्थ किडनी शरीर में प्रोटीन को प्रवाह करने में मदद करती है और
अपशिष्ट उत्पादों को रक्त से निकाल कर पेशाब के माध्यम से शरीर से बाहर निकालने
में मदद करती है। लेकिन किडनी खराब हो जाने के कारण प्रोटीन पेशाब के द्वारा शरीर
से बहार आने लगता है जिसे प्रोटीन लोस और प्रोटीनयूरिया भी कहा जाता है। पेशाब में
प्रोटीन आना नेफ्रोटिक सिंड्रोम होने का संकेत होता है।
प्रोटीनयूरिया होने के तिन मुख्य कारण होते है –
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मधुमेह
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उच्च रक्तचाप और
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किडनी की बीमारी
प्रोटीनयूरिया
की समस्या होने पर निम्नलिखित बातों का ख्याल रखे :-
मछली का सेवन ना करे –
मछली के
अंदर प्रोतिन की अधिक मात्रा होती है। जो प्रोटीनयूरिया की समस्या को और बढ़ा सकती
है। इसलिए माह में केवल एक बार ही मछली का सेवन करे।
मानसिक तनाव ना रखे –
मानसिक
तनाव रखने से नींद की कमी हो सकती। मानसिक तनाव रखने से रोगी की डाईट पर प्रभाव पड
सकता है। जिससे रोगी की हालत और खराब हो सकती है।
खूब पानी पिये –
प्रोटीनयूरिया
के रोगी को खूब पानी पीना चाहिए और सोडा के सेवन से परहेज करना चाहिए।
व्यायाम करे –
रोजाना
व्यायाम करने से शरीर में प्रोटीन की मात्रा संतुलित बनी रहती है। जिससे
प्रोटीनयूरिया का खतरा कम होता है।
नमक का सेवन कम करे –
नमक के
अंदर सोडियम होता है जो किडनी को प्रभावित कर सकता है। जिससे किडनी अपना कार्य
करने में असमर्थ हो सकती है। अधिक सोडियम लेने से उच्च रक्तचाप की समस्या पैदा हो
सकती है।
प्रोटीनयूरिया होने के आम लक्षण :-
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हाथ, पैर, चेहरे पर अचानक सूजन
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झागदार पेशाब आना
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पेशाब के रंग में परिवर्तन
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सांस लेने में तकलीफ]
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सिने में दर्द और दबाव होना
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मधुमेह होने पर अधिक पेशाब आना या कम पेशाब आना
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पेशाब की मात्रा में परिवर्तन
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देर रात को बार बार पेशाब आन आदि
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