हम सभी जानते है कि किडनी
हमारे शरीर के अधिक पानी, नमक और अपशिष्ट तत्वों को पेशाब के जरिए शरीर से बहार निकाल
देती है। जिसके कारण हमारा शरीर अपने संतुलन में बना रहता है और सभी अंग सुचारु रूप
से अपना काम करते रहते है। यदि किसी कारण हमारी किडनी ख़राब हो जाए तो बात हमारी जान
पर बन जाती है। और न केवल हमारी जान पर बल्कि उसका बहुत बुरा असर हमारे परिवार पर भी
पड़ता है। किडनी ख़राब होने का दो तरीके से प्रभाव पड़ता है। पहला "आर्थिक"
और दूसरा "मानसिक" दोनों ही प्रभाव एक आम आदमी के जीवन को हिला कर रख देते
है।
किडनी फेल्योर में होता क्या है?
किडनी फेल्योर कि स्थिति
में हमारे शरीर का संतुलन एक दम डगमगा जाता है। हमारे शरीर से अपशिष्ट तत्व बहार नहीं
जा पाते, रक्त भी साफ़ नहीं हो पता। परिणामस्वरूप किडनी फेल्योर के मरीजों में पानी,
नमक, पोटैशियमयुक्त खाध्य पदार्थ आदि सामान्य मात्र में लेने पर भी कई बार गंभीर समस्या
उत्पन्न हो सकती है। धीरे - धीरे इसका असर
बाकि सभी अंगों पर भी दिखाई देने लगता है। हमारे शरीर में कई प्रकार के बदलाव देखने
में आते है। जिसे हम किडनी ख़राब होने कि लक्षण भी कहते है। किडनी फेल्योर के दौरान
हमारे शरीर में निम्नलिखित बदलाव दिखाई देते है-
बार-बार पेशाब आना - रोजाना से हटकर अगर कई बार पेशाब आ रहा है तो
ये किडनी में बीमारी की निशानी है। ऐसे हालात में जानने की कोशिश करें कि बार-बार पेशाब
आने की वजह क्या किडनी की कोई बीमारी तो नहीं।
पेशाब में जलन होना - मूत्र विसर्जन के वक्त जलन या बेचैनी हो तो
समझिए कि या तो यूरिन इन्फेक्शन हुआ है या फिर किडनी में कोई दिक्कत है। ऐसे में डॉक्टर
की सलाह जरूर लें।
पूरे शरीर में सूजन - किडनी खराब होने का सबसे बड़ा लक्षण पूरे शरीर
में सूजन है। किडनी शरीर का अतिरिक्त पानी और नमक निकालने का काम करती है। इसके ठीक
तरह से कार्य ना करने की वजह से शरीर में पानी बढ़ जाता है जिसकी वजह से पूरे शरीर
में सूजन आ जाती है। ये बेहद गंभीर स्थिति है जिसमें फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
आंखों के नीचे सूजन - अगर आंखों के नीचे बहुत सूजन आ गई हो तो ये
भी एक संकेत है कि आपकी किडनी में कुछ गड़बड़ है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर की सलाह लें।
पेशाब में खून आना - यूरीन पास करते समय अगर पेशाब में खून आए तो
फौरन सावधान हो जाएं और तुरंत किसी यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें। पेशाब में खून आना
सिर्फ किडनी खराब होने के लक्षण नहीं बल्कि किडनी या मूत्राशय में कैंसर होने का लक्षण
भी है।
बार-बार उल्टी आना - अगर किसी को पेट दर्द के साथ बार-बार उल्टी
आए तो ये किडनी में परेशानी का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में पहले खुद पहचानने
की कोशिश करें कि उल्टी-अपच या किसी और वजह से तो ऐसा नहीं हो रहा है, अगर नहीं तो
डॉक्टर की सलाह लें।
मधुमेह बढ़ना - जिन लोगो कि मधुमेह के कारण किडनी ख़राब होती
है उनका मधुमेह इस दौरान स्थिर नहीं हो पता और उनकी बीमारी लगातार बढ़ती रहती है।
रक्तचाप - किडनी फेल्योर के दौरान हमारा रक्तचाप कभी भी नीचे आता। यदि आपका
रक्तचाप हमेशा बढ़ा रहता है तो आपको अपनी किडनी कि जाँच जरूर करा लेनी चाहिए।
किडनी फेल्योर कि रोकथाम :-
बीमारी का उपचार कराने
से अच्छा है कि हम उस बीमारी को होने ही न दे। हम अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव कर किडनी
फेल्योर जैसी जानलेवा बीमारी से कोसो का फासला रख सकते है। हम निम्नलिखित उपायों को
अपने जीवन में ढाल किडनी फेल्योर के साथ अनेको बीमारियों से खुद को दूर रख सकते है
-
·
फिट और सक्रिय
रहें
·
प्रतिदिन
संतुलित आहार लें
·
वजन को हमेशा
नियंत्रित रखें
·
धूम्रपान
का सेवन न करें
·
हैवी दवाओं
से सावधान रहें, दर्दनिवारक दवाइयों के सेवन से बचे
·
मधुमेह के
रोगी है तो उसे बढ़ने ना दें
·
कम मसाले
वाला संतुलित आहार ही लें
·
किडनी की
जांच कराते रहें
·
रोजाना दो
से चार लीटर पानी पियें
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