पपीते
के अंदर बहुत से पोषक तत्व पाय जाते हैं जिसके चलते यह हमारे स्वस्थ के लिए काफी
फायदेमंद होता है। पपीते में फाइबर,
कैरोटीन, विटामिन सी, विटमिन ए, आयरन, सोडियम, जिंक और बहुत मात्रा में
पोटेशियम भी मिलता है। पपीते के पौधे की जड़, छाल, छिलका, बीज और गूदे में भी औषधीय गुण पाए जाते
हैं।
किडनी के लिए कैसे लाभकारी है पपीता?
पपीता कई तरह से किडनी के
लिए लाभकारी होता है। यह आपकी किडनी को हमेशा स्वस्थ रखने में आपकी मदद करता है,
तो यह कहना गलत नहीं होगा कि पपीता किडनी के लिए संजीवनी की तरह काम करता है।
पपीता आपकी किडनी को कई ऐसी बीमारियों से बचा कर रखता है जिससे आपकी किडनी खराब
होने का खतरा रहता है। पपीता आपकी किडनी को निम्नलिखित तरीकों से स्वस्थ रखता है
:-
वजन कम करे : पपीता आपके बढे
हुए वजन को तेजी से कम करने में मदद करता है। इसके अंदर उच्च मात्रा में फाइबर
होता है जो आपके पाचन को मजबूत करता है और पेट में जमा अतिरिक्त वसा को घटाने में
मदद करता है। इसके अलावा पपीते में मौजूद पपेन अनोखा प्राकृतिक एंजाइम जो पाचन में
सहायक होता है और आपके पेट से भोजन को आंत की ओर तेज गति से बढ़ाता है। खराब पाचन
को अक्सर खराब पोषण के साथ-साथ वजन की समस्याओं का भी जिम्मेदार ठहराया जाता है।
इस वजह से पपीता को वजन कम करने के लिए एक उत्तम आहार माना जाता है।
उच्च रक्तचाप से
मुक्त करे : पपीता खाने से उच्च रक्तचाप की समस्या दूर हो जाती है। इसके
अंदर पोटेशियम पाया जाता है, जो उच्च रक्तचाप से राहत दिलाने में मदद करता है।
पोटेशियम एक प्रकार का खनिज है जो सोडियम के प्रभावों का मुकाबला करता है और
रक्तचाप के स्तर को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है। उच्च रक्तचाप से पीड़ित
रोगियों के रोजाना आहार में पपीता शामिल होना चाहिए। अपने आहार में पपीते की
मात्रा में वृद्धि करने के लिए,
आप इस फल को सलाद में
शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा कच्चे पपीते का सेवन भी उच्च रक्तचाप में लाभकारी
होता है। उच्च रक्तचाप किडनी खराब होने का सबसे बड़ा कारण माना जाता है।
दिल रखे मजबूत : हमारा दिल रक्त धमनियों की मदद से पूरे शरीर में रक्त प्रवाह करने का काम करता
है। लेकिन रक्त धमनियों में आई परेशानी के कारण दिल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
पपीते में पोटेशियम होता है जो रक्त धमनियों को फैलने में मदद करता है, जिससे रक्त
प्रवाह में कोई परेशानी नहीं आती। ऐसा होने से रक्त बिना किसी परेशानी के प्रवाह
होता है और दिल स्वस्थ रहता है। दिल में
आई किसी समस्या के चलते किडनी पर दबाव पड़ता है जिससे किडनी खराब होने का खतरा बढ़
जाता है।
पाचन दुरुस्त करे
: पपीता
खाने से पाचन मजबूत होता है, इस बात से सभी लोग वाकिफ है। दरअसल इसके अंदर पपेन
नामक पाचन एंजाइम की मात्रा अधिक होने के कारण यह पाचन प्रक्रिया को तेज करता है।
पपीते के अंदर अधिक मात्रा में पानी और घुलनशील फाइबर होता है जिससे कारण से भी
पाचन प्रक्रिया तेज और आसन हो जाती है। पपीता आँतो के उचित कार्य को बढ़ाता है और
कब्ज को रोकने में मदद करता है। पपीते के बीज आंतों के कीड़े और परजीवी से छुटकारा
पाने में मदद करते हैं क्योंकि वे प्रोटीयोलाइटिक एंजाइमों में समृद्ध होते हैं।
गठिया से राहत
दिलाए : पपीता खाने से गठिया की समस्या से राहत मिलती है। आपको बता
दें, गठिया किडनी खराब होने की तरफ इशारा करता है। पपीता के अंदर कई
एंटी-इंफ्लेमेटरी एंजाइम होते हैं जिससे गठिया की समस्या में राहत मिलती है। इसके
अलावा पपीता गठिया के कारण आई सूजन से भी राहत दिलाने में मदद करता है, इसके अंदर
पापेन और चयमोपपेन नामक दो प्रोटीन पाचन एंजाइम्स होते हैं जो सूजन से राहत दिलाते
हैं। विटामिन ए, सी और ई की अधिक मात्रा और बीटा कैरोटीन भी
सूजन को कम करने में बहुत प्रभावी होते हैं।
क्या पपीते के बीज किडनी के लिए लाभकारी है?
किडनी हमें स्वस्थ रखने
के लिए काफी कार्य करती है। किडनी रक्त शुद्ध करने का महत्वपूर्ण कार्य करती है।
यह रक्त शुद्ध कर अपशिष्ट उत्पादों,
अतिरिक्त क्षार (salt) और अम्ल (acid)
जैसे रसायनों को पेशाब के
जरिये शरीर से बाहर निकालती है। किडनी विफल होने पर आपको कई गंभीर परिणामों का
सामना करना पड़ सकता है, जिसमे मौत भी हो सकती है। किडनी में आई समस्या
के कारण इसलिए मूत्र पथ के संक्रमण, फ़िल्टरिंग क्षमता में कमी आ सकती है। ऐसे में
पपीते बीज आपकी किडनी की कार्यक्षमता को बढाने में आपकी काफी मदद कर सकते हैं।
पपीते के साथ-साथ पपीते बीज किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। पपीते के बीज निम्नलिखित
तरीकों से आपकी किडनी को स्वस्थ रखते हैं :-
·
ताजे पपीते के
बीज को सुबह के समय में मौखिक रूप से लिया जाना चाहिए, लगभग 15-20 बीजों को 3 सप्ताह के लिए दैनिक दिनचर्या में चबाया जाना चाहिए।
बीज चबाने के बाद, आधे घंटे के बाद 200-500 मिली पानी लें। इससे आपकी
क्दिनी की सफाई हो जाती है।
·
पपीते के बीजों
का उपयोग फ़िल्टरिंग प्रक्रिया के दौरान किडनी को होने वाले नुकसान को ठीक करने के
लिए किया जाता है। बीज चबाने से,
बीज में मौजूद औषधीय रूप
से महत्वपूर्ण रसायन सीधे रक्त परिसंचरण में पहुंच जाता है और उपचार की प्रभावकारिता
को 50 गुना बढ़ा देता है।
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