प्रोटीन के बिना हमारे शरीर का विकास संभव नहीं है। अगर शरीर में प्रोटीन की कमी आ जाए तो इससे कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती है और अधिक हो जाए तो किडनी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस बात से तो सभी वाकिफ है कि सोयाबीन में प्रोटीन, वसा और एंटीऑक्सीडेंट तत्व भरपूर मात्रा में मिलते हैं। इसके अलावा सोयाबीन विटामिन के मामले में भी धनि होता है, इसमें विटमिन K, विटामिन बी 6, विटामिन C, राइबोफ्लेविन, फोलेट,  थायमिन। वहीं सोयाबीन से खनिज के रूप में आयरन, मेगनीज, फॉस्फोरस,  कॉपर, पोटेशियम, मेग्नेशियम, मेगनीज, ज़िंक, सेलेनियम तथा कैल्शियम पाए जाते हैं।
किडनी को कैसे रखे स्वस्थ सोयाबीन?
सोयाबीन किडनी को स्वस्थ रखने में काफी मदद करती है। लेकिन इसमें अधिक मात्रा में प्रोटीन होता है जो किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। लेकिन सोयाबीन में मिलने वाले अन्य पोषक तत्व किडनी को कई एनी समस्याओं से बचा कर रखते हैं जिनके कारण किडनी खराब होने की संभवना बढ़ जाती है। तो चलिये जानते हैं आखिर कैसे सोयाबीन किडनी को स्वस्थ रखता है :-
उच्च रक्तचाप में सोयाबीन –  शरीर में सोडियम की अधिक मात्रा होने के कारण व्यक्ति को उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझना पड़ता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए आप अपने आहार में सोयाबीन को शामिल कर सकते हैं। सोयाबीन में पोटेशियम पाया जाता है जो शरीर में सोडियम की मात्रा को कम करने में सहायक होता है। पोटेशियम रक्त धमनियों को शांत कर रक्त वाहिकाओं को फैलने में मदद करता है, जिससे रक्त प्रवाह सुचारू होता है। इस प्रिक्रिया से उच्च रक्तचाप की समस्या धीरे-धीरे खत्म होने लगती है।
ध्यान दें, सोयाबीन में प्रोटीन, पोटेशियम और फॉस्फोरस काफी बड़ी मात्रा मिलते हैं, जिनकी शरीर में अधिक मात्रा होने पर किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। इसीलिए इसे कम मात्रा में ही अपने आहार में शामिल करे। अगर आप किडनी की समस्या से जूझ रहे हैं, तो आप चिकित्सक की सलाह से सप्ताह में एक बार इसका सेवन कर सकते हैं। 
मधुमेह में सोयाबीन –  अगर आप मधुमेह जैसी गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको अपने आहार में सोयाबीन को जरुर शामिल करना चाहिए। सोयाबीन का नियमित रूप से सेवन करने से रक्त शर्करा का स्तर कम होने लगता है, जो मधुमेह रोगियों के लिए लाभदायक होता है। सोयाबीन कोलेस्ट्रोल के स्तर को भी कम करने में मददगार होती है, जिससे दिल से जुड़ी समस्याएं होने का खतरा भी कम हो जाता है। मधुमेह के रोगी गेंहूँ और सोयाबीन के आटे से बनी रोटियों का सेवन कर सकते हैं। अगर आप मधुमेह के कारण पेशाब से जुड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं तो आप अपने आहार में सोयाबीन को जरूर शामिल करें।
हड्डियों के लिए सोयाबीन – अगर आप अपनी हड्डियों को मजबूत रखना चाहते हैं, तो सोयाबीन को अपने आहार में शामिल करे। सोयाबीन में कैल्शियम और प्रोटीन होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। हड्डियों को मजबूत करने के लिए भीगी हुई सोयाबीन या सोयाबीन के दूध का सेवन कर सकते हैं, जिससे आपको जल्द ही लाभ मिलना शुरू हो जायगा। हड्डियों को मजबूत करने का कार्य किडनी का होता है, लेकिन किडनी खराब होने के बाद वह अपने इस महत्वपूर्ण कार्य को करने में असमर्थ हो जाती है। अगर आप किडनी से जुड़ी किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो आप चिकित्सक की सलाह से ही सोयाबीन को अपने आहार में करें।
अनिद्रा से छुटकारा –
किडनी खराब हो जाने पर रोगी को अक्सर अनिद्रा जैसी समस्या से जूझना पड़ता है। क्योंकि शरीर में विषाक्त तत्व अधिक हो जाते हैं जिससे नींद नहीं आती। ऐसे में आप चिकित्सक की सलाह से सोयाबीन को अपने आहार में शामिल करे, इसके अंदर मौजूद खनिज और पोषक तत्व इस समस्या से निजात दिलाने में सहायक होते हैं।
सोयाबीन से क्या कोई नुकसान हो सकता है?
जी हाँ, सोयाबीन हमें भले ही स्वस्थ रखने में मदद करती है लेकिन इसके अधिक सेवन से हमें दुष्प्रभावों का भी सामना करना पड़ सकता है। इसके अंदर बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन होता है जो किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसके अलावा इसमें फॉस्फोरस भी मिलता है जिसकी अधिकता से ना केवन किडनी प्रभावित होती है बल्कि और भी कई शारीरिक दुष्प्रभाव हो सकते हैं। किडनी प्रोटीन का प्रसंसकरण करता है और उसे तोड़ता है। यानी प्रोटीन की ज्यादा मात्रा लेने पर किडनी को ज्यादा काम करना पड़ता है। प्रोटीन की अधिकता होने पर किडनी में पत्थरी की समस्‍या हो सकती है और किडनी बिल्कुल खराब भी हो सकती है। हमें किडनी को स्वस्थ रखने के लिए सोयाबीन का सेवन करना चाहिए लेकिन सिमित मात्रा में। चिकित्सा क्षेत्र में हुए अध्ययन की बात करें, तो अधिक मात्रा में प्रोटीन का सेवन (कुल कैलोरी  में 30 % से अधिक प्रोटीन डाइट का भाग) शरीर को नुकसान पहुंचाता है। इससे शरीर में कीटोंस की मात्रा बढ़ जाती है, जो कि विषैला पदार्थ है।
कैसे करे सोयाबीन का प्रयोग?
आप सोयाबीन को अपने आहार में कई प्रकार से शामिल कर सकते हैं। सोयाबीन से दूध और टोफू (पनीर) तैयार किया जाता है, जो लोग दुग्ध उतापदों और मांसाहार से परहेज करते हैं उनके लिए सोया से बने दुग्ध उत्पाद का एक अच्छा विकल्प है। सोयबीन से तेल, सोया सॉस, मिसों जैसे कुछ खास खाद्य उतापदों का निर्माण किया जाता है। आप सोयाबीन का सेवन गेंहू के साथ पिसवाकर भी इसका प्रयोग कर सकते हैं और आप इसे भिगों कर भी इसका सेवन कर सकते हैं। लेकिन इसके प्रयोग के समय आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आप कितनी मात्रा में इसका सेवन कर रहे हैं।