लोबिया खाने के फायदें और नुकसान


लोबिया एक किस्म की फली है जिसे हम दाल की श्रेणी में भी रख सकते है।  इसे हिंदी में चवली या चवली क फली और अंग्रेजी में काओपी (COWPEA) के नाम से जाना जाता है। भारत के कुछ हिस्सों में इसे काली आँख वाली मटर के नाम से भी जाना जाता है। लोबिया क्रीम या सफेद रंग की होती है और इसके ऊपर काले रंग का एक निशान होता है जिसके कारण इसे कलि आँख वाली मटर कहा जाता है। यह लगभग सोया की तरह ही दिखाई देती है। आप इसे राजमा और सोया के परिवार का सदस्य मान सकते है। यह भारत में बड़ी आसानी से मिल जाती है। इसके औषधीय गुणों को देखते हुए भारत के कई हिस्सों में इसकी बड़े स्तर पर खेती की जाती है।

लोबिया में पोषक तत्व :-

लोबिया जहां खाने में स्वादिष्ट होता है वहीं यह कई पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है। इसके अंदर बहुत से पोषक तत्व मिलते है जो आपको कई हानिकारक बीमारियों से बचाने में मदद करते है। लोबिया के अंदर आपको फोलिक एसिड, आयरन, पोटाशियम, कैशियम, सेलेनियम, जस्ता, तांबा, मैग्नीशियम, फास्फोरस, और कई प्रकार के वित्मिंस भी प्रचुर मात्रा में पाएं जाते है।

रोगों में लोबिया खाने के फायदें :-

लोबिया खाने में स्वादिष्ट तो होती ही है लेकिन यह हमें कई रोगों से बचाने में भी मदद करती है। लोबिया हमारी किडनी के लिए भी काफी लाभदायक होती है। लोबिया की मदद से हमारी किडनी अनेक रोगों के कारण ख़राब होने बची रहती है। क्योंकि लबीय किडनी ख़राब होने के कारकों को पनपने से रोकती है। निम्नलिखित तमाम वह बीमारियां है जिनकी चपेट में आने से आपकी किडनी ख़राब होने का खतरा रहता है। तो लोबिया खाइए और और जाने कैसे यह हमारे लिए स्वास्थवर्धक है –

मधुमेह रोगियों के लिए –

लोबिया मैग्नीशियम का खजना है। इसमें मैग्नीशियम उच्च मात्रा में मिलती है जो शरीर में कार्बोहाइड्रेट और ग्लूकोज के मेटाबोलिज्म के लिए जरुरी होता है। कुछ शोधों के बाद इस बात का पता चला है की मैग्नीशियम युक्त खाद्य सामग्री को आहार में शामिल करने से टाइप 2 मधुमेह रोगियों का मधुमेह 18% तक कम हो सकता है। इसके अलावा मैग्नीशियम के नियमित सेवन से इन्सुलिन की मात्रा में भी सुधार देखा जा जाता है। इसके अंदर घुलनशील फाइबर होता है जो रक्त शर्करा को कम करने में सहायक होता है।

हड्डियों को करे मजबूत –

लोबिया हड्डियों को मजबूत करने में सहयक होती है। इसके अंदर कैल्शियम और फास्फोरस पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत करने में सहायता करते है साथ ही हड्डियों की संरचना बनाएं रखने मे भी मददगार है। फास्फोरस हड्डियों में पाए जाने वाले खनिजों के घनत्व में सहायता करता है जिससे हड्डी टूटने और फ्रैक्चर होने से रोकता है। इसके अलावा यह दोनों खनिज मिलकर हड्डियों के मेटाबोलिज्म की प्रक्रिया में शामिल होने वाले हार्मोन और अन्य जीवाश्मों को नियंत्रण करता है और मैग्नीज हड्डियों के गठन में सहायता करता है। आपको बता दें की हड्डियों को मजबूत करने का कार्य किडनी का होता है, लेकिन किडनी खराब हो जाने के बाद यह हड्डियों को मजबूत करने का अपना कार्य करने में समर्थ नही होती।

वजन कम करे लोबिया –

अगर आप अपना मोटापा कम करना चाहते हा तो आप अपने आहार में लोबिया को जरुर शामिल करे। लोबिया वजन कम करने में आपकी बहुत मदद करती है। इसके अंदर कैलोरी बहुत कम मात्रा में होती है जिसके कारण इसे खाने से वजन नहीं बढ़ता। इसके अलावा लोबिया में घुलनशील फाइबर अच्छी मात्रा में मिलता है जिससे पेट काफी समय तक भरा रहता है और हमें खाना खाने की इच्छा नहीं होती। बता दें मोटापा अनेक बीमारियों की जड होता है।


पाचन शक्ति बढ़ाएं लोबिया –

लोबिया जहां वजन कम करने में सहायक है वहीं यह पाचन को सुधारने और पाचन शक्ति को मजबूत करने में भी मदद करती है। इसके अंदर उचित मात्रा में फाइबर होता है जो आपके द्वारा ग्रहण किये गये भोजन को अच्छे से पचाने में मदद करता है। इसके अलावा फाइबर पेट से जुडी बीमारियों को भी दूर कर पेट को शांत करने में मदद करता है।

ब्लड कोलेस्ट्रोल कम करे लोबिया –
लोबिया के नियमित सेवन से खून में कोलेस्ट्रोल की मात्रा कम होती है। जिससे दिल से जुडी तमाम बीमारियों से राहत मिलती है। लोबिया के अंदर आपको पोटाशियम, मैग्नीशियम, फ्लेवोनॉयडस और लिग्निन यौगिक जैसे तत्व मिलते है जो खून में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को कम करते है।

दिल को रखे स्वस्थ –

जैसे की आपने ऊपर पढ़ा की लोबिया ब्लड कोलेस्ट्रोल को कम करने में मदद करती है जिससे दिल को फायदा होता है। पोटाशियम और फाइबर मिलकर अच्छे कोलेस्ट्रोल के बनने में मदद करते है साथ ही रक्त धमनियों में ख़राब कोलेस्ट्रोल को हटाते है जिससे दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा नहीं रहता।

संक्रमण से बचाएं लोबिया –
लोबिया आपको रोगों से तो बचाती ही है लेकिन साथ में यह आपको संक्रमण से भी दूर रखती है जिससे आप अनेक बीमारियों के संकर्प में आने से बचते है। दरअसल लोबिया के अंदर विटामिन A और विटामिन C जैसे एंटी ओक्सिडेंट तत्व होते है जो आपको संक्रमण से बचाने में मदद करते है।

लोबिया खाने के नुकसान :-

लोबिया खाने से हमारे शरीर को फायदें होते है लेकिन इसके सेवन से हमें कुछ नुकसान भी होते है। इसलिए हमें इसके सेवन के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिय। अगर आप लोबिया के सेवन के दौरान निम्नलिखित बातों का ध्यान रखते है तो आप पर लोबिया का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
·         गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को लोबिया के सेवन से परहेज करना चाहिए। अगर आप इसका सेवन करना चाहते है तो एक बार चिकित्सा सलाह जरुर लें।
·         लोबिया के सेवन से कुछ लोगो को एलर्जी होने की शिकायत होती है। अगर आपको लोबिया से एलर्जी है तो आप इसका सेवन ना करे। 
·         लोबिया का सेवन सिमित मात्रा में ही करना चाहिए। अधिक मात्रा में लोबिया के सेवन से पाचन संबंधित दिक्कते हो सकती है। जैसे उल्टी, दस्त, गैस, पेट फूलना, अपच और कब्ज आदि।

कर्मा आयुर्वेद द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार :-

किडनी हमारे शरीर का अभिन्न अंग है किडनी हमारे शरीर में बनने वाले अपशिष्ट उत्पादों को पेशाब के जरिये शरीर से बहार निकालने का कार्य करती है लेकिन हमारी गलत आदतों के कारण हमारी किडनी अपना कार्य ठीक से नहीं कर पाती जिससे वह ख़राब हो जाती है। किडनी ख़राब हो जाने के बाद उसे ठीक करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। किडनी ख़राब होने के बाद लोगो के सामने उसे ठीक करने के लिए सबसे पहले दो ही विकल्प आते है। पहला डायलिसिस और दूसरा किडनी प्रत्यारोपण, यह दोनों ही उपचार बहुत ही महंगे तो होते ही है साथ ही बहुत लम्बे समय तक भी चलते।
आयुर्वेद की मदद से किडनी फेल्योर की जानलेवा बीमारी से आसानी से छुटकारा पा सकते है वो भी बिना डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण किए। ‘कर्मा आयुर्वेदा’ किडनी फेल्योर की जानलेवा बीमारी का सफल उपचार आयुर्वेद की मदद कर रहा है। कर्मा आयुर्वेद कई दशकों से किडनी फेल्योर के मरीजो को रोगमुक्त कर रहा है। कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वारा की गयी थी। तभी से यह किडनी के रोगियों को केवल आयुर्वेद की मदद से रोगमुक्त कर रहा है।
इस समय कर्मा आयुर्वेदा की बागड़ोर डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे है। यह धवन परिवार की पांचवी पीढ़ी है जो कर्मा आयुर्वेद का नेतृत्व कर रही है। डॉ. पुनीत धवन ने ना केवल भारत बल्कि विश्व भर में किडनी फेल्योर के रोगियों का आयुर्वेदिक तरीके से उपचार उन्हें इस जानलेवा बीमारी से निदान दिलाया है । डॉ. पुनीत धवन एक जाने माने आयुर्वेदिक चिकित्सक है। इन्होने अब तक 35 हज़ार से भी ज्यादा लोगो की ख़राब किडनी को ठीक किया है। आपको बता दें की कर्मा आयुर्वेद में बिना डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण के बिना ही रोगी की किडनी ठीक की जाती है।



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