अरारोट खाने के फायदें और नुकसान

एरोरूट या अरारोट एक खाद्य कंद है जो जमीं के नीचे से पाया जाट है।  अक्सर लोग इसे एक पौधा मान लेते है लेकिन यह एक पौधा न होकर एक खाने योग्य स्टार्च है।  वैज्ञानिक भाषा में अरारोट को मारंता अरुंडिनेशिया (Maranta arundinacea) के नाम से जाना जाता है।  अरारोट का पौधा बहुवर्षी पौधा है।  यह पौधा अपने गुणों के चलते बीते सात हज़ार वर्षों से उपयोग किया जा रहा है।  अरारोट का पौधा विशेषकर उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है।  जिसमे इसकी खेती फिलिपीन्स, दक्षिण अमेरिका, और कैरिबियाई द्वीप पर बड़े पैमाने पर उगाया जाता है।  इसका विशेष प्रयोग व्यंजन को गाढ़ा करने के लिए किया जाता है।  

अरारोट के पोषक तत्व :-

अरारोट में बहुत से पोषक तत्व पाय जाते है जो हमारे स्वास्थ के लिए बहुत ही उपयोगी होते है।  अरारोट में आपको कैल्शियम, पोटाशियम, फाइबर, मैग्नीशियम, कार्बोहाइड्रेट, फास्फोरस, विटामिन बी 9, विटामिन बी 6, आयरन, के अलावा जस्ता यानी जिंक भी मिलता है।  आपको बता दें की अरारोट का आटा या पाउडर लॉस-मुक्त यानी ग्लुटिन फ्री होता है, जिसके कारण यह बाज़ार में महंगा बिकता है।  ग्लुटिन हमारे स्वस्थ के लिए हानिकारक होता है।  अरारोट के यह सभी औषधीय गुण आपको कई बीमारियों का मुकाबला करने की ताक़त देते है।  खाने को स्वादिष्ट बनाने, गाढ़ा करने के अलावा इसका प्रयोग पास्ता, केक और रोटी बनाने के लिए किया जाता है।  यह मक्के और बाजरे का एक अच्छा विकल्प है।  अरारोट गंध हिन होता है।  

रोग मुक्त करे अरारोट :-

रोगों को दूर करने की दृष्टि से अरारोट काफी असरदार होता है।  ऊपर आपने इसके औषधीय गुणों के बारे में विस्तार में जाना, अरारोट इन्ही पोषक तत्वों की मदद से आपको रोगमुक्त करता है।  किडनी रोगियों के लिए अरारोट बहुत ही अच्छा होता है।  क्योंकि यह किडनी खराब होने के कारकों को खत्म करने की ताक़त रखता है।  जिससे किडनी से जुड़े रोग विशेषकर किडनी खराब होने की संभावना ख़त्म हो जाती है।  अरारोट से होने वाले फायदें निम्नलिखित है –
वजन करे कम –
अगर आप अपना बढ़ा हुआ वजन कम करना चाहते है तो आपको अपने आहार में अरारोट को जरुर शामिल करना चाहिए।  इसके अंदर कैलोरी ना के बराबर होती है साथ ही इसमें कार्बोहाइड्रेट और फाइबर उच्च मात्रा में मिलता है जो वजन कम करने में सहायता करते है।  अरारोट में मौजूद फाइबर बार बार लगने वाली भूख को शांत करता है साथ ही आपके पाचन को दुरुस्त कर आपके भोजन को ठीक से पचाने में भी मदद करता है।  आप अरारोट की रोटी को अपने आहार में शामिल कर सकते है।  
मूत्र पथ संक्रमण UTI
अरारोट मूत्र पथ संक्रमण के लिए एक उचित औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है।  इसके अंदर एंटीसेप्टिक गुण पाय जाते है जो मूत्र पथ पर होने वाले संक्रमण को दूर कर उसे भविष्य में भी ना होने से रोकता है।  यह विशेषकर महिलाओं को होने वाले मूत्र पथ संकरण में एक उचित घरेलु उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।  अरारोट की मदद से मूत्र पथ की सफाई की जाती है जिससे संकराम्न्न दूर होता है।  इसके अलावा इसे आहार में शामिल करके भी मूत्र पथ संक्रमण से भी निजात पाया जा सकता है।  
दुरुस्त करे पाचन को –
अगर आप अपने खराब पाचन को ठीक करण चाहते है तो आप अपने आहार में थोड़ी थोड़ी मात्रा में अरारोट को शामिल करे।  पाचन तन्त्र को सुधारने और मजबूत करने के लिए फाइबर की आवश्यकता होती है जोकि अरारोट में प्रचुर मात्रा में पाया जात है।  अरारोट से फाइबर के सेवन से आपका पाचन तन्त्र दुरुस्त होता है साथ ही पेट में मौजूद पोषक तत्वों के अवशोषण को भी बढ़ावा मिलता है।  अरारोट के नियमित सेवन से आपको दस्त, उल्टी, अपच, और कब्ज जैसी समस्यों से निदान मिलता है।  
रक्तसंचार को बढ़ावा दें –
अरारोट रक्तसंचार को बढ़ाने में मदद करता है।  इसके अंदर तांबा और आयरन जैसे पोषक तत्व मिलते है जो रेड ब्लड सेल्स में पाय जाने वाली मुख्य खनिज होते है।  यह खनिज ना केवल रक्त कोशिकाओं के बनने में मदद करते है बल्कि एनीमिया को दूर करने में सहायक होते है।  अरारोट के पोषक तत्व रक्त संचारण में वृधि कर आपके शरीर के तमाम हिस्सों में ऑक्सीजन की पूर्ति करते है।  रक्त के ठीक से संचारण के चलते आपके शरीर में उर्जा का स्तर बढ़ा रहता है।  
मेटाबोलिज्म बढाए अरारोट –
अरारोट के सेवन से आपका मेटाबोलिज्म बढ़ा रहता है जो अच्छे स्वास्थ की निशानी होता है।  इसके अंदर विटामिन बी प्रचुर मात्रा में मिलता है जो एंजाइमेटिक और मेटाबोलिज्म पदार्थ बनाने में मदद करता है।  मेटाबोलिज्म सुधार से शरीर में हार्मोनल रिलीज के साथ साथ शरीर की तमाम क्रियाए सुचारू रूप से चलती है।  
दिल को रखे स्वस्थ –
अरारोट खाने से दिल जवां और स्वस्थ रहता है।  अरारोट के अंदर पोटाशियम अच्छी मात्रा में मिलता है, जो दिल के लिए अलाभकारी होता है।   पोस्धियम रक्त वाहिकाओं और रक्त धमनियों के तनाव को कम कर्ण में मदद करता है।  जिससे रक्तसंचार ठीक से होता रहता है और रक्तचाप बढ़ने और घटने का की आशंका नहीं रहती।  पोटाशियम के अलावा इसमें फाइबर भी होता है जो कोलेस्ट्रोल को कम करने में मदद करता है।  यह दोनों ख़राब कोलेस्ट्रोल को रक्त धमनियों में जमने नहीं देते जिससे दिल तक  रक्तसंचार ठीक से होता है।  ऐसा होने से दिलो के दौरे, स्ट्रोक आदि की संभावना बहुत कम हो जाती है।  
अरारोट खाने के नुकसान :-
अरारोट खाने में स्वास्थवर्धक तो होता है लेकिन इसके सेवन से कुछ नुक्सान भी देखे जाते है।  इसलिए इसके सेवन के दौरान आपको निम्नलिखित कुछ बातों का ध्यान जरुर रखना चाहिए।  नीचे लिखे अरारोट के नुकसान अधिक सेवन के कारण से होते है।  
·         अरारोट के सेवन से कुछ लोगो को एलर्जी होती है।  अगर आपको अरारोट खाने से उल्टी, मतली जैसी कोई समस्या उत्पन्न हो तो आपको इसका नहीं करना चाहिए।  साथ ही तुरंत चिकित्सक से भी मिले।  
·         अरारोट का सेवन नींबू, दूध, फलों का रस, चीनी और नशीला पय शराब के साथ लेना वर्जित है।  इन सबके साथ अरारोट का सेवन करने से घातक परिणाम सामने आ सकते है।  
·         अगर आप किसी खास किस्म की दवा लें रहे है तो आपको अरारोट के सेवन से पहले चिकित्सक की सलाह जरुर लेनी चाहिए।  उदाहरण के लिए मधुमेह, किडनी विकार, पथरी आदिकी दवा।

कर्मा आयुर्वेदा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार :-

किडनी फेल्योर की बीमारी एक जानलेवा बीमारी है। इसे अंग्रेजी उपचार से जीतना बहुत ही मुश्किल होता है। लेकिन हम आयुर्वेद की मदद से इस जानलेवा बीमारी पर जीत हासिल कर सकते है। कर्मा आयुर्वेदा केवल प्राचीन भारतीय आयुर्वेद की मदद से अपने रोगियों का इलाज करता है। कर्मा आयुर्वेदा में रोगी की ख़राब किडनी को बिना डायलिसिस किये और बिना किडनी बदले ही इस जानलेवा बीमारी से मुक्त किया जाता है।

proteinuria ayurvedic treatment

Post a Comment

0 Comments