देशभर में किडनी
की बीमारी (किडनी
फेल्योर) से प्रभावित
लोगों की संख्या
लगातार बढ़ती जा रही है।
देश में औसतन
14 प्रतिशत महिलाएं एंव 12 प्रतिशत
पुरुष किडनी की
समस्या से पीड़ित
हैं। आपको यह जानकर हैरानी
होगी की भारत में हर
साल दो लाख लोगों को
किडनी रोग हो जाता है।
शुरुआती स्टेज में
इस बीमारी को
पकड़ पाना मुश्किल
है, क्योंकि दोनों
किडनी 60 प्रतिशत खराब होने
के बाद ही मरीज को
इसका पता चल पाता है।
जब तक पीड़ित
को किडनी
से सम्बंधित किसी
बीमारी का पता चलता है
उस समय तक छोटी-सी
बीमारी अपना विकराल
रूप धारण कर चुकी होती
है। यानि किडनी
ख़राब हो चुकी होती है
या फिर ख़राब
होने की कगार पर होती
है।
महिलाओं में किडनी
की समस्या लगातार
बढ़ती जा रही है। शरीर
में खून की कमी, नींद
पूरी न लेना या डायबीटीज
होने से भी किडनी की
सेहत पर असर पड़ता है।
लापरवाही के कारण
महिलाएं इसे नजर अंदाज करती
रहती हैं। गर्भावस्था
के दौरान महिलाओं
में बहुत-सी स्वास्थ्य संबंधी कमजोरियां
आनी शुरू हो जाती हैं।
इसके अलावा मूत्र
मार्ग में संक्रमण,
प्रजनना क्षमता में
कमजोरी व तनाव का असर
किडनी पर पड़ने
लगता है।
किडनी शरीर का
वह महत्वपूर्ण अंग
है जो शरीर को फिट
रखने का काम करता है।
ये शरीर की गंदगी और
बेकार के पानी को बाहर
करता है। इतना
ही नहीं ये शरीर रसायन
पदार्थो के बैलेंस,
हार्मोन्स को सिक्रीट
करने के साथ बीपी को
कंट्रोल करने जैसे
काम भी करता है। रेड
ब्लड सेल्स, विटामिन
डी बनाने और
शरीर के हड्डियों
को मजबूती देने
वाला महत्पवपूर्ण अंग
है।
आज के आधुनिक
जीवनशैली के कारण
हमारा रहन-सहन बिलकुल बदल
चुका है। खराब
लाइफस्टाइल और खानपान
की बदलती आदतों
के चलते किडनी
खराब होने की समस्या आज
के समय में एक आम
सी बात हो चली है।
पुरे शरीर का संतुलन बनाए
रखने वाली किडनी
के खराब हो जाने के
कारण हमारे पुरे
शरीर का संतुलन
ही बिगड़ जाता
है। जिसे
ठीक समय पर संभाला न
जाए तो इसके और भी
घातक परिणाम सामने
आ सकते है।
वैसे तो दुनिया
भर में अनेक
ही किडनी उपचार
केंद्र मौजूद है।
लेकिन कर्मा आयुर्वेदा
किडनी ठीक करने
को लेकर चमत्कार
के रूप में साबित हुआ
हैं। कर्मा आयुर्वेदा
1937 से किडनी रोगियों
का इलाज करते
आ रहे हैं।
वर्तमान समय में डॉ. पुनीत
धवन इसका नेतृत्व
कर रहे है। आपको बता
दें कि आयुर्वेद
में डायलिसिस और
किडनी ट्रांसप्लांट के
बिना किडनी की
इलाज किया जाता
है।
डॉ. पुनीत
धवन ने केवल भारत
में ही नहीं बल्कि विश्वभर
में किडनी की
बीमारी से ग्रस्त
मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया
है। उत्तर प्रदेश
के अम्बेडकर नगर
में किडनी फेल्योर
का आयुर्वेदिक इलाज
किया जा रहा है। आयुर्वेद
में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल
किया जाता हैं।
जिससे हमारे शरीर
में कोई साइड
इफेक्ट नहीं होता
हैं। साथ ही डॉ. पुनीत
धवन ने 35 हजार
से भी ज्यादा
किडनी मरीजों को
रोग से मुक्त
किया हैं। वो भी डायलिसिस
या किडनी ट्रांसप्लांट
के बिना।
किडनी खराब होने
के कई कारण हो सकते
है। लेकिन आज
के समय हर दिन बदल
रही लाइफस्टाइल की
वजह से इंसान
की जीवनशैली खराब
होती जा रही है। वक्त
पर खाना नहीं
खाना, मोटापा, शराब
का सेवन, दवाईयों
का ज्यादा इस्तेमाल
और पानी की सही मात्रा
नहीं लेने जैसी
कई चीजें हैं
जो किडनी को
प्रभावित करती हैं।
ऐसे में इसपर
भार बढ़ता है
और यह काम करना बंद
कर देती है।
मधुमेह रोगियों को
किडनी की शिकायत
आम लोगों की
तुलना में ज्यादा
होती हैं।
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