भारत में नवरात्रों
और अनेक उपवासों में खाए जाने वाला आम सी चीज़ है मखाना। मखाना हर किसी को खाने में
पसंद आता है। यह खाने में बहुत ही हल्का होता है आजकल इसे हल्के – फुल्के स्नैक्स
में शमिल किया जाता है। मखाने को मेवों की श्रेणी में रखा जाता है। भारत में इसे
प्रसाद के लिए बहुत उपयोग किया जाता है जिसके कारण यह बहुत पवित्र भी माना गया है।
कहीं चीन में स्नैक्स के रूप में इसकी सबसे ज्यादा खपत की जाती है। चीन में लगभग
हर सूप में इसे इस्तेमाल किया जाता है।
मखाना का परिचय :-
आपको यह जानकर
हैरानी होगी की मखाना मूलतः भारतीय नहीं है। यह चीन से यात्रियों के साथ लगभग 3 हज़ार वर्षों पहले भारत आया
था। चीन में पहले से ही इसकी खेती की जाती है, वहीँ भारत में अब इसकी खेती कुछ
हिद्दों में की जाती है। मखाना का अंग्रेजी नाम फॉक्स नट है जिसे हर जगह अलग अलग
नाम से जाना जाता है। मखाना जिसे हम कमल का बीज भी खाते है यह दलदली भूमि या फिर
पानी के अंदर उगाया जाता है। मखाना की खेती करने के लिए कम से कम तीन फीट गहरे
पानी और मिटटी की जरुरत होती है। इसके
पत्ते गोलाकार होते है, जो पानी के ऊपर कमल की पत्तियों की भांति तैरते है। इसके
फुल जामुनी रंग के होते है और इसका फल स्पंजी कांटेदार होने के साथ बीजयुक्त होता
है। इसके एक फल में कम से कम 12 बीज मिलते है। जिसे सुखा कर मक्की की तरह रेत में
भून कर मखाना बनाया जाता है। मखाना के ये दाने आकर में मटर के दानों से बड़े होते
है। भारत में इसकी खेती कुछ ही हिस्सों में की जाती है। भारत में यह मणिपुर की
लोकटल झील में और बिहार के कुछ हिस्सों में उगाया जाता है। इसका फल गुदेगर और
मुलायम होता है।
मखाना से रोगों का उपचार :-
वैसे तो मखाना
प्रसाद और स्नैक्स के रूप में प्रयोग किया जाता है लेकिन यह एक आयुर्वेदिक औषधि के
रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके औषधीय गुणों के बारे में आयुर्वेद में
विस्तार से बताया गया है। मखाना की मदद से हम अपनी किडनी को ख़राब होने से भी बचा
सकता है। यह हमे कुछ ऐसे रोगों से बचाता है जिससे हमारी किडनी ख़राब होने की
संभावना होती है। तो आइये जानते है कसे मखाना हमारी किडनी को ख़राब होने से बचाता
है।
उच्च रक्तचाप –
उच्च रक्तचाप के रोगियों को मखाना का सेवन जरुर
करना चहिये। इसमें पोटैशियम की भरपूर मात्रा होती है। पोटैशियम रक्त प्रवाह को
संचालित करने और रक्त दबाव को कम करने में सहायता प्रदान करता है। मखाना सोडियम को
कम करने में भी काफी मदद करता है। सोडियम रक्तचाप बढ़ने में मदद करता है वही मखाना
अतिरिक्त सोडियम को ही कम कर देता है। जिसके कारण आपका उच्च रक्तचाप कम होने लगता
है। बता दें की किडनी फेल्योर के मरीजों का रक्तचाप बड़ा हुआ रहता है। जिसे काबू
में करना बहुत मुश्किल होता है।
दिन भर की थकावट के
बाद भी अगर आपको अच्छी नींद नही आती तो आपको मखाना का सेवन शुरू कर देना चाहिए।
मखाना आपको अच्छी नींद दिलाने में काफी मदद करता है। यह आपकी घबराहट को कम करता
है, आपकी तमाम तंत्रिकाओं को शांत करता है साथ ही आपकी रक्त वाहिकाओं को आराम से
रटक प्रवाह करने में मदद करता है। जिसके कारण आपका शरीर बहुत शांत महसूस करता है
और आपको अच्छी और गहरी नींद आती है। आपका इसका सेवन किसी भी समय कर सकते है। लेकिन
इसे सोते समय नहीं खाना चाहिए। इसे पचने में थोडा समय लगता है जिसके कारण इसे आपको
सोते समय नहीं खाना चाहिए।
हृदय –
यदि आप हृदय से जुडी किसी भी प्रकार की बीमारी से बचना चाहते है तो आपको मखाना
का सेवन जरुर कर्ण चाहिए। मखाना आपके हृदय को स्वस्थ रखने में बहुत मदद करता है,
इसमें मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में मिलता है। मैग्नीशियम हृदय को स्वस्थ रखने के
लिए बहुत जरुरी होता है। मैग्नीशियम रक्त, ओक्सीजन के अलावा बाकि सभी पोषक तत्वों
को हृदय तक आसानी से पहुचने में मदद करता है। लगातार मखाना खाने से आप कोरोनरी हृदय
रोग के साथ अन्य सभी हृदय रोगों से निदान दिलाता है।
वजन –
मखाना सबसे बड़ी बीमारी को खतम करने में भी आपकी सहायता करता है। मोटापा सबसे
बड़ी बीमारी की श्रेणी में आता है। क्योंकि मोटापा होने के बाद आपका शरीर बीमारियों
का घर बना जाता है। इअसे में यदि आप मखाना का सेवन करते है तो आपका वजन जल्द ही कम
होने लगेगा। मखाना में उच्च मात्र में फाइबर मिलता है और ना के बराबर वसा होती है।
जो आपका वजन करने में मदद करता है। इसके अलावा कमल के बीज ग्लिसेमिक इंडेक्स में
कम होते है जो आपके अंदर पूर्ण की भावना को बढाता है। और आप थोड़े ही भोजन में
संतुष्ट हो जाते हो।
सुजन –
मखाना खाने से आपके शरीर में होने वाली हर प्रकार की सुजन से मुक्ति मिलती है।
मखाना में फ्लोवानोइड्स काफी मात्रा में मिलता है जो
सुजन को खत्म करने में मदद करता है। आपको बता दें की किडनी ख़राब होने के कारण शरीर
के काफी हिस्सों में सुजन देखने को मिलती है।
मधुमेह –
मखाना
में फाइबर प्रचुर मात्रा मिलता है। फाइबर रक्त में शर्करा को कम करने में फायदेमंद
होता है। इसलिए यदि आप मधुएम्ह के रोगी है तो आपको मखाना का सेवन जरुर करना
चाहिए।
किडनी विकार –
मखाना
के अंदर बहुत से ऐसे तत्व मिलते है जो हमारी किडनी को मजबूत और साफ़ करने में काफी
मदद करते है। इसके साथ यह रक्त्शोधन में काफी सहायक है। बता दें की किडनी
रक्त्शोधन का महत्वपुर्ण कार्य करती है, और मखाना भी। इससे किडनी का काम कम हो
जाता है जिससे आपकी किडनी मजबूत होने लगती है।
मखाना से सावधानियां :-
आपको
यह जान कर हैरानी होगी की मखाना से किसी भी प्रकार की कोई हानि नहीं होती। मखाना
एक दम पवित्र होता है जिसके कारण इसका कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होता। लेकिन फिर भी
हमे कुछ बातों का ध्यान जरुर रखना चहिये जो निमिन्लिखित है –
v यफी आप किसी प्रकार की दवा लें रहे है तो आप चिकित्सक की
सलाह से ही इसका सेवन करे।
v अगर आप मधुमेह के रोगी है और इन्सुलिन ले रहे है तो बिना
चिकित्सक की सलाह के मखाना का सेवन ना करे।
कर्मा आयुर्वेद द्वारा किडनी फेल्योर का
आयुर्वेदिक उपचार :-
किडनी
हमारे शरीर के लिए बहुत जरुरी है, वो भी एक स्वस्थ किडनी। लेकिन हमारी गलत आदतों
और लगातार बिगड़ती लाइफस्टाइल के कारण हमारी किडनी ख़राब होती जा रही है। किडनी
हमारे शरीर से अपशिष्ट उत्पादों को पेशाब के जरिये बहार निकालने का एक महत्वपूर्ण
कार्य करती है। ऐसा करने से किडनी हमारे शरीर में सभी अंगों के बीच संतुलन बनाएं
रखती है। एक बार किडनी ख़राब हो जाने के बाद उसे ठीक करना बहुत ही मुश्किल होता है।
लेकिन हम आयुर्वेद
की मदद से ख़राब हुई किडनी को फिर से ठीक कर सकते है। ‘कर्मा आयुर्वेदा’ किडनी
फेल्योर की जानलेवा बीमारी का सफल उपचार आयुर्वेद की मदद कर रहा है। कर्मा
आयुर्वेद कई दशकों से किडनी फेल्योर के मरीजो को रोगमुक्त कर रहा है। कर्मा
आयुर्वेदा की स्थापना वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वारा की गयी थी। तभी से यह किडनी के
रोगियों को केवल आयुर्वेद की मदद से रोगमुक्त कर रहा है।
इस समय कर्मा
आयुर्वेदा की बागड़ोर डॉ. पुनीत धवन संभाल रहे है। यह धवन परिवार की पांचवी पीढ़ी है
जो कर्मा आयुर्वेद का नेतृत्व कर रही है। इन्होने अब तक 35 हज़ार से भी ज्यादा लोगो
की ख़राब किडनी को ठीक किया है। आपको बता दें की कर्मा आयुर्वेद में बिना डायलिसिस
और किडनी प्रत्यारोपण के बिना ही रोगी की किडनी ठीक की जाती है। डॉ. पुनीत धवन ने
ना केवल भारत बल्कि विश्व भर में किडनी फेल्योर के रोगियों का आयुर्वेदिक तरीके से
उपचार उन्हें इस जानलेवा बीमारी से निदान दिलाया है । डॉ. पुनीत धवन एक जाने माने
आयुर्वेदिक चिकित्सक है।
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