किडनी संक्रमण क्या है?


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किडनी हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, यह हमारे शरीर में तकरीबन 500 से भी ज्यादा कामों को करके हमारे शरीर को स्वस्थ बनाएं रखती है। अधिम मात्रा में नमक, मीठे, अधिक दवाओं के सेवन या निर्जलीकरण जैसी कई समस्यों के चलते किडनी संक्रमित हो जाती है। किसी भी अंग से जुड़ा हुआ संक्रमण हो, यह एक गंभीर समस्या है। लेकिन जब किडनी संक्रमण की बात आई है तो यह बात और भी गंभीर हो जाती है। किडनी में हुआ संक्रमण दर्दनाक और अप्रिय रोग है, इससे छुटकारा पाना बहुत ही मुश्किल माना जाता है। अगर समय रहते इस समस्या से छुटकारा ना पाया जाए तो इसके कई गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है, जिसमे किडनी की विफलता भी एक है। जब मूत्र संक्रमण होने के कारण या किसी अन्य कारण के चलते जीवाणु मूत्राशय से होते हुए एक या दोनों किडनियों में चले जाते हैं तो किडनी संक्रमण हो जाता है। जब पेशाब किडनी में चला जाता है तो भी किडनी संक्रमण होने का खतरा रहता है। इस रोग को तुरंत उपचार की जरुरत होती है, अगर थोड़ी सी देरी की जाए तो इससे किडनी से जुड़े गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
किडनी संक्रमण उस समय होता है जब किसी कारण से जीवाणु मूत्र पथ या गुदा (ANAL) से होते हुए किडनी में प्रवेश कर लेता है जिसके चलते किडनी संक्रमित हो जाती है। किडनी संक्रमण और मूत्र संक्रमण होने के पीछे ई कोलाई नामक जीवाणु होता है जो पहले से ही हमारे शरीर में आतों (Flames) में होता है। यह बाहर से भी शरीर में प्रवेश कर सकता है जो गंभीर समस्या है। यह जीवाणु शरीर में बाहर से भी प्रवेश कर सकता है, जो काफी गंभीर स्थिति होती है।
यह जीवाणु मूत्र मार्ग के सिरे से होते हुए आपके शरीर के अंदर प्रवेश हो जाता है। यह ना केवल मूत्र मार्ग से बल्कि गुदा (ANAL) से भी शरीर में प्रवेश कर सकता है। इस जीवाणु का शरीर में इस प्रकार से भी एक गंभीर समस्या है क्योंकि यह शरीर में प्रवेश करते ही बढ़ने लगता है जिससे किडनी संक्रमण और अधिक हो जाता है। यह संक्रमण रक्त के साथ प्रवाह होकर किडनी के साथ-साथ दिल तक भी पहुँच जाता है। अगर यह किडनी तक ही सिमित रहे तो इसे ठीक किया जा सकता है लेकिन अगर यह संक्रमण कहीं और चला जाए तो इसके गंभीर परिणाम भी हो सकते है जैसे लकवा और दिल का दौरा।
किडनी संक्रमण होने की संभावना लड़को के मुकाबले लड्कियों को अधिक होने की होती है, क्योंकि  लड़कियों की मुत्रवाहिनी लम्बाई में लड़कों की मुत्रवाहिनी से काफी छोटी होती है। जिसके कारण वह मलनलिका के एकदम समीप होती है। जिससे मल मुत्रवाहिनी या मुत्रनालिका में जाने की आशंका रहती है। ऐसा होने से मूत्र पथ पर संक्रमण हो जाता है जिससे किडनी खराब होने की आशंका बढ़ जाती है। लड़कों में मूत्र संक्रमण की आशंका लड़किओं से कम होती है। खास कर जिन लड़कों का खतना किया गया हो उन लडकों को मूत्र संक्रमण होने की संभावना बहुत ही कम हो जाती है।
किडनी संक्रमित होने पीछे अन्य कारण क्या है?
खानपान की गलत आदतों के कारण से भी किडनी संक्रमण होने का खतरा रहता है। निम्नलिखित खाने की आदतों के चलते किडनी संक्रमित होती है -
अधिक मात्रा में नमक का सेवन करना :
नमक के अंदर बहुत सारा सोडियम होता है। जब हम खाने में ज़रूरत से ज़्यादा नमक डालते हैं, तो इसे शरीर से बाहर निकालने में किडनी को काफी मुश्किल होती है। इससे किडनी पर प्रेशर पड़ता है और किडनी संक्रमित हो जाती है।
कैफीन का अधिक सेवन करना :
चाय और काफी अधिक सेवन करने से किडनी में संक्रमण हो जाता है। क्योंकि चाय और काफी में कैफीन की मात्रा काफी होती है जो किडनी के लिए हानिकारक होता है। शरीर में कैफीन में अधिक मात्रा होने पर किडनी पर दबाव पड़ता है और किडनी संक्रमित हो जाती है।
दर्द निवारक दवाओं का अधिक सेवन :
अगर आप लंबे समय से दर्द निवारक दवाओं का सेवन कर रहे हैं, तो इससे किडनी पर किडनी पर दबाव पड़ता है और किडनी को रक्त शुद्ध करने में समस्या होती है। समय के साथ किडनी संक्रमित हो जाती है।
कोल्ड या फ्लू को नज़रंदाज़ करना :
अगर आपको कोल्ड या फ्लू हो, तो ज़्यादा काम ना करें। इस दौरान, अपनी बॉडी को पूरा रेस्ट दें। अगर बीमारी के दौरान, आप बॉडी को ज़्यादा थकाएंगे, तो इसका उल्टा असर किडनी के फंक्शन पर पड़ेगा। और आपको परेशानियों का सामना करना पर सकता है।
किडनी संक्रमण के लक्षण क्या है?
किडनी की विफलता के मुकाबले अगर बात करे किडनी संक्रमण की तो आपको बता दें कि किडनी संक्रमण के लक्षण रोगी के अंदर तुरंत दिखाई देने लग जाते हैं। किडनी संक्रमण होने पर निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं -
·         पीठ के नीचल हिस्से में तेज दर्द होना
·         जांघों और गुपतांगों के आसपास दर्द होना
·         कंपकंपी लगना
·         ठंड के साथ तेज़ बुखार
·         आलस होना
·         बिन काम किए थका हुआ मेहसूस होना
·         उल्टी आना
·         भूख की कमी
·         जी मचलना
·         दस्त लगना
·         पेट खराब होना, अपच
·         पेशाब के दौरान दर्द होना
·         पेशाब करते समय जलन होना
·         बार-बार पेशाब आना
·         पेशाब करने की इच्छा करना
·         तेज़ पेशाब आने के स्थिति में कम पेशाब आना
·         गंध वाला पेशाब आना
·         पेट में दर्द आना (किडनी के आसपास)
·         पेट के निचले हिस्से में दर्द होना
·         पेशाब में खून आना
·         पेशाब में मवाद आना
·         झागदार पेशाब आना
बच्चों में किडनी संक्रमण होने के वयस्कों से भिन्न लक्षण दिखाई देते हैं, जोकि निम्नलिखित हैं -
·         भोजन खाने का दिल ना करना
·         बार बार उल्टियां होना (अन्य कारणों से भी उल्टियाँ हो सकती है)
·         उर्जा में कमी होना, कम खेलना थोड़ी देर में ही थक जाना
·         पेट में असहनीय दर्द होना
·         बढ़ने की दर कम होना
·         चिडचिडापन
·         मूत्र में खून आना
·         पीलिया
·         आँखों और त्वचा के आसपास का हिस्सा फीका पड़ना
·         पेशाब में गंध आना
·         बिस्तर पर पेशाब करना
अगर आप अपने अंदर किडनी संक्रमण से जुड़े उपरोक्त लिखे लक्षणों की पहचान करते हैं तो आपको तुरंत आयुर्वेदिक उपचार लेना शुरू करना चाहिए।
किडनी संक्रमण के लिए घरेलु उपाय :-
अगर आप या आपका कोई अपना किडनी संक्रमण जैसी गंभीर समस्या से जूझ रहा है तो आप निम्नलिखित घरेलु उपायों को अपना कर इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं -
·         खूब पानी पिये, जूस पिये, छाछ लें। अधिक पये लेने से पेशाब की मात्रा बढ़ेगी और जीवाणु पेशाब के साथ बाहर आ जाएँगे।
·         दही का सेवन करे, यह आपकी किडनी में अच्छे और बुरे जीवाणुओ के बीच संतुलन बना कर रखता है।
·         निम्बू पानी का सेवन करे, यह संक्रमण के कारण होने वाली पीड़ा में राहत देता है।
·         चिकित्सक की सलाह से एक गिलास में आधा चम्मच बेकिंग सोडा दाल कर पिए। यह ना केवल किडनी संक्रमण को खत्म करने में मदद करता है साथ ही उसे होने से भी रिक्त है
·         खाने में हल्दी का प्रयोग जरुर करें।
·         सेब के सिरके का सेवन करें, आप सेब का सेवन भी कर सकते है। अगर आप सेब के सिरके का प्रयोग करते हैं, इसे दिन में दो बार लें।
·         खाने में लहसुन का प्रयोग करे। आप लहसुन को कच्चा या अचार के रूप में ले सकते हैं।
·         अदरक का इस्तेमाल करे। आप इसे चाय और भोजन में डाल सकते हैं।
·         रोजाना सुबह खली पेट दो चम्मच एलोवेरा जूस का सेवन कर सकते हैं।
किडनी संक्रमण के दौरान किन बातों का ध्यान रखें?
अगर आप किडनी संक्रमण से जूझ रहे है तो आप निम्नलिखित बातों का ध्यान रख इस अगम्भीर समस्या से आसानी से छुटकारा पा सकते है –
·         जितना हो सकते पेशाब करे
·         सम्भोग (SEX) करने के तुरंत बाद पेशाब करे। आप सम्भोग करने के बाद जितनी जल्दी पेशाब करेंगे उतना ही अच्छा होगा। इससे जीवाणु होने का खतरा कम होता है।
·         पेशाब और मल त्याग के बाद अच्छे से अंगों को साफ करे
·         जानांग के आसपास डियो (DEO) का इस्तेमाल ना करे, इससे मूत्र संकर्मण हो सकता है
·         शौचालय को ठीक से साफ करे, अपने आसपास साफ सफाई का विशेष ध्यान दे
किडनी संक्रमण की जांच कैसे करे?
अगर आप ऊपर बताए गये लक्षणों की पहचान कर लेते है तो आप निम्न तरीको से किडनी संक्रमण की पुष्टि कर सकते है –
·         पेशाब में मवाद या रक्त आने के बाद पेशाब की जांच
·         जीवाणु की प्रकार देखने के लिए पेशाब के कल्चर की जांच
·         डाइमरकैपसोसकसीनिक एसिड (डीएमएसए) सिनटिग्राफी
·         अल्ट्रासाउंड
·         डिजिटल रेक्टल परीक्षण (पुरुषों के लिए)
·         सीटी स्कैन
·         वायडिंग सिस्टोस्टोयुरेथ्रोग्राम

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