किन आदतों के कारण होती है किडनी खराब?


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किडनी आकार में भले ही छोटी सी होती है लेकिन यह बड़े-बड़े कामों को अंजाम देती है। किडनी का सबसे जरूरी काम होता है, खून को साफ करना। किडनी हमारे शरीर में बहने वाले खून को साफ करती है और में मौजूद सारे अपशिष्ट उत्पादों को उसमे से अलग कर देती है। हमारे खून में सोडियम, यूरिक एसिड, फॉस्फोरस, पोटेशियम, शर्करा, अम्ल आदि उत्पाद मिलते हैं, जिन्हें किडनी खून से अलग कर देती है और इन्हें पेशाब के जरिये शरीर से बाहर निकाल देती है। हमारी किडनी ना केवल खून साफ करती है बल्कि यह खून बनाने का भी काम करती है साथ ही किडनी हमारी हड्डियों को मजबूती देना का भी काम करती है। हमारी बहुत सी बुरी आदतों की वजह से किडनी खराब हो जाती है।

बहुत सी बुरी आदतों की वजह से किडनी खराब हो जाती है। आज कल की भागती दौड़ती जिन्दगी में हम अपने शरीर का ख्याल नहीं रख पा रहे हैं। हमारे खाने-पीने का कोई ठीक समय नहीं और हम वर्तमान समय में पौष्टिक आहार के स्थान पर बाहर का खाना ज्यादा खा रहे हैं जोकि मसलों और तेल से भरा हुआ होता है। इसका सीधा आहार हमारे शरीर पर पड़ता है जिससे हमारी किडनी प्रभावित होने लगती है।

इसके अलावा भी ऐसी कई चीज़े हैं जिनके कारण हमारी किडनी खराब होती है। जब हमारी किडनी खराब हो जाती है तो वह अपने जरूरी कामों को करने में असमर्थ हो जाती है जिसके चलते हमारा शरीर कई समस्याओं में घिर जाता है। जिनसे उभरना काफी कठिन होता है। ऐसे में हमें चाहिए की किडनी को खराब होने से बचाया जाए। जिसके लिए हमें अपनी कई आदतों को छोड़ना चाहिए, जिनके कारण से किडनी खराब होती है।

इन आदतों को छोड़ कर किडनी को रखे रखे स्वस्थ :-

वैसे तो कोई भी इन्सान ये नहीं चाहेगा कि उसकी किडनी खराब हो, लेकिन कई लोगो की किडनी खराब हो जाती है. क्योंकि वह कुछ ऐसी आदतों के की चपेट में आ जाते है जिसके कारण उनकी किडनी खराब हो जाती है. आप अपनी किडनी को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो आप अपनी निम्नलिखित आदतों को छोड़ना चाहिए क्योंकि इनके कारण किडनी खराब होने की संभावना बनी रहती है   :-

वजन बढ़ने से रोके  -

हमें अपना वजन काबू में रखना चाहिए यह किडनी की सेहत के लिए जरुरी और लाभकारी होता है। अधिक वजन होने का मतलब है किडनी को विषाक्त पदार्थों को फिल्टर करने और बढ़े हुए शारीरिक द्रव्यमान की चयापचय की जरूरत को पूरा करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। मोटापा किडनी की बीमारी के दो प्रमुख जोखिम कारणों, मधुमेह और उच्च रक्तचाप होने के खतरे को भी बढ़ाता है। वजन कम करने से आपको किडनी खराब होने के जोखिम कारकों से काफी मदद मिलेगी।

ना करें धुम्रपान -

हम सभी इस बात से परिचित हैं कि धुम्रपान करना सेहत के लिए काफी नुकसान देह होता है इससे कैंसर होने का खतरा बना रहता हैयह आपको ना केवल छाती और सांस से जुड़ी समस्या देता है बल्कि इससे आपकी किडनी भी काफी प्रभावित होती है। अगर आप किडनी को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो आपको धुम्रपान का सेवन नहीं करना चाहिए। धुम्रपान के आदि लोगो को इससे छोड़ना काफी मुश्किल होता है लेकिन अगर आप इसका त्याग नहीं करते हैं तो आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

रक्तचाप ना बढ़ने दें -

जब नमक की मात्रा हमारे रक्त में ज्यादा हो जाती है तो हमे उच्च रक्तचाप की समस्या होती है। उच्च रक्तचाप के कारण शरीर में रक्त प्रवाह में समस्या होती है। रक्त में सोडियम की अधिक मात्रा होने के कारण किडनी को रक्त शुद्ध करने के दौरान फिल्टर्स पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है और किडनी खराब हो जाती है। बता दें कि उच्च रक्तचाप के कारण व्यक्ति को दिल से जुडी समस्या भी उत्पन्न हो सकती है। रोगी को नमक का सेवन ना के बराबर ही करना चाहिए, आप साधारण नमक की जगह सेंधा नमक को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।

शारीरिक सक्रियता बढ़ाएं -

किडनी को स्वस्थ रखने के लिए हमें अपनी शारीरिक सक्रियता  को बढ़ा कर रखना चाहिए। जब कोई व्यक्ति आलस और थकान से भर जाता है तो उसके कारण किडनी से जुड़ी कई समस्याएं बढ़ने लगती है। ऐसे में व्यक्ति को अपनी क्षमतानुसार अपनी शारीरिक सक्रियता ओ बढ़ाए रखना चाहिए। इसके लिए रोगी को अपने आहार का खास ख्याल रखना चाहिए और छोटे-छोटे कार्य करते रहना चाहिए, जिससे वह अपने शरीर में फुर्ती को महसूस कर सकते हैं।

दर्दनिवारक दवाओं से करे परहेज -

कुछ लोगो को हर छोटी छोटी समस्या में दर्द निवारक दवाएं लेने की आदत होती है। क्योंकि हम जो भी दवाएं लेते हैं, वो चाहे डॉक्टरी के परामर्श से ली जाने वाली दवाएं हो या या बिना परामर्श उन्हें किडनी के द्वारा फिल्टर किया जाता हैं। इसका मतलब यह है कि आपकी किडनी इन दवाओं को तोड़कर शरीर से बाहर निकालती है। बार बार अधिक मात्रा में दवाओं के सेवन से किडनी के फिल्टर्स पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे वह समय के साथ खराब होना शुरू हो जाते हैं। एक बार किडनी के फिल्टर्स खराब हो जाएं तो उन्हें दोबारा ठीक करना बहुत ही मुश्किल होता है और फिल्टर्स का खराब होने का मतलब है किडनी का खराब होना। किडनी को नुकसान पहुंचाने वाली दवाओं को नेफ्रोटॉक्सिक (Nephrotoxic) दवाओं के नाम से जाना जाता है।

चाय – कॉफी अधिक सेवन ना करें -

अगर आप चाय या कॉफी के अधिक शोकिन है तो आपको इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। आप इसके विकल्प में ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं। कैफीन का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए, यह चाय या कॉफी में उपलब्ध है जो आपकी किडनी को तनाव दे सकती है। ग्रीन टी किडनी को डिटॉक्स करती है, इसलिए वे शरीर से कचरे को छानने और बाहर निकालने के लिए अच्छी तरह से काम कर सकती हैं। ग्रीन टी पचान तन्त्र को सुधारने में भी मदद करती है।  
 
मधुमेह को काबू रखें -

मधुमेह किडनी खराब होने का मुख्य कारण माना जाता है। मधुमेह होने पर रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है, शर्करा से भरे हुए रक्त को शुद्ध करते समय किडनी के नेफ्रोन पर दबाव पड़ता है। किडनी के नेफ्रोन पर लगातार दबाव पड़ने के कारण किडनी खराब हो जाती है। रक्त शर्करा को नियंत्रण में रखने के लिए आपको जामुन, नींबू, आंवला, टमाटर, पपीता, खरबूजा, कच्चा अमरूद, संतरा, मौसमी, जायफल, नाशपाती जैसे फलों का सेवन करना चाहिए। मधुमेह वाले रोगियों को अपने आहार में करेला, मेथी, सहजन, पालक, तुरई, शलजम, बैंगन, परवल, लौकी, मूली, फूलगोभी, ब्रौकोली, टमाटर, पत्तागोभी और दूसरी अन्य पत्तेदार सब्जियों को शामिल करना चाहिए।

मूत्र संक्रमण के होने से बचे -

मूत्र संक्रमण होने के कारण से भी किडनी खराब होने की संभावना बनी रहती है। क्योंकि किडनी संक्रमण होने पर पेशाब शरीर से बाहर जाने में असमर्थ हो जाता है। जिसके कारण किडनी की सफाई नहीं हो पाती और शरीर में यूरिया, क्रीएटिनिन जैसे विषाक्त तत्वों की मात्रा बढ़ने लगती, जिसके चलते किडनी खराब हो जाती है। छोटे बच्चों में अक्सर मूत्र संक्रमण की समस्या देखि जाती है इसके अलावा बच्चे सोते समय बिस्तर गिला करते हैं। जब बच्चे सोते समय बिस्तर गिला करते हैं तो उस समय पेशाब पूरी मात्रा में नहीं निकल पाता। इस दौरान बाकि का पेशाब वापिस मूत्राशय और किडनी की तरफ लोट जाता है। ऐसा होने पर किडनी संक्रमण और अधिक बढ़ता है जिससे किडनी खराब होने आशंका बढ़ जाती है। मूत्र संक्रमण से बचने के लिए आपको चाहिए कि आप खूब पानी का सेवन करे और अपनी किडनी को साफ रखे।



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