Cold Drinks
कोल्ड ड्रिंक पीना भला किसे पसंद नहीं होगा, कई लोग तो कोल्ड ड्रिंक पीने के इतने आदि होते हैं कि उन्हें इसकी लत ही लग चुकी होती है। गर्मियों के मौसम में तो कोल्ड ड्रिंक पीना एक फैशन सा ही बन जाता है। कोल्ड ड्रिंक का निर्माण कई ऐसे पदार्थों से होता है जो हमारे शरीर के लिए हानिकारक होते हैं। हम शीतल पेय को तीन भागों में विभाजित कर सकते हैं, लेकिन तीनो ही हमारी सेहत के लिए काफी हानिकारक होते हैं। सबसे पहले स्थान पर हम कोल्ड ड्रिंक्स को रख सकते हैं, जिसमे काफी मात्रा में रसायनों का प्रयोग किया जाता है। कोल्ड ड्रिंक का ज्यादा सेवन करने से व्यक्ति की किडनी काफी प्रभवित होती है।
कोल्ड ड्रिंक्स में कौन-कौन से रसायनों का इस्तेमाल होता है?
कोल्ड ड्रिंक्स में पेस्टिसाइट्स, कॉर्बनडाई ऑक्साइड, कैफीन, फॉस्फोरिक, क्यूमरिक, ग्लूकोनिक, एसेटिक, टाटरिक व सिट्रिक एसिड जैसे रसायनों का प्रयोग किया जाता है। वहीं जो ड्रिंक सोडे से निर्मित होते हैं उनमे फास्फोरिक एसिड, कैफीन, हाई फ्रुक्टोस कॉर्न, टेप वाटर जैसी चीजों का प्रयोग किया जाता है। कुछ लोग मॉकटेल पीने के शौकीन होते हैं, इस पेय उत्पाद में कैफीन, पेस्टिसाइड्स, फॉस्फोरिक, सिट्रिक एसिड जैसे रसायनों का इतेमाल किया जाता है। लेकिन यह सोडा ड्रिंक और कोल्ड ड्रिंक की तुलना में अच्छा होता है, क्योंकि इसमें फलों के रस का प्रयोग किया जाता है। अक्सर यह भी आरोप लगता रहा है कि इन ड्रिंक्स का निर्माण करते समय स्वच्छ पानी का इस्तेमाल नहीं किया जाता, जिसके चलते भी यह पेय उत्पाद हमरी सेहत के लिए हानिकारक साबित होते है।
कोल्ड ड्रिंक्स से किडनी इस प्रकार होती है प्रभावित :-
किडनी हमारे शरीर से अपशिष्ट उत्पाद निकालने का सबसे जरुरी काम करती है। जब हमारी किडनी शरीर में बहने वाले खून को साफ करती तो उस दौरान रक्त में मौजूद सारे अपशिष्ट उत्पादों को किडनी खून से अलग कर देती है। हमारे खून में मुख्य रूप से सोडियम, एसिड, फॉस्फोरस, शर्करा जैसे अपशिष्ट उत्पाद होते हैं, जिन्हें किडनी पेशाब के जरिये शरीर से बाहर निकालती है। लेकिन जब आप कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन करते है तो आपके शरीर में रसायनों की मात्रा बढ़ने लगती है। जिसके चलते किडनी को अधिक कार्य करना पड़ता है, जिससे किडनी के फिल्टर्स पर दबाव पड़ता है।
अगर आप कम मात्रा में ड्रिंक्स का सेवन करते हैं तो आपकी किडनी पर कोई खास असर नहीं पड़ता, लेकिन अगर आप अधिक मात्रा में कोल्ड ड्रिंक का सेवन करते हैं तो आपकी किडनी पर निश्चित ही नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके आलवा आप कई ऐसी समस्याओं से भी घिर जाते हैं जिनसे आपकी किडनी का कार्य ना केवल बाधित होती है बल्कि उसकी कार्यक्षमता में भी कमी आती है। किडनी की कार्यक्षमता में कमी आना किडनी खराब होने की तरफ इशारा करता है।
कोल्ड ड्रिंक के सेवन से आपकी किडनी निम्नलिखित प्रकार से प्रभावित होती है :-
 किडनी की कार्यक्षमता में कमी – कोल्ड ड्रिंक पीने का सीधा असर किडनी पर पड़ता है। इससे किडनी की सक्रियता प्रभावित होकर कम होने लगती है, जिससे किडनी के सारे काम प्रभावित हो जाते हैं।
उच्च रक्तचाप की समस्या – अगर आप कोल्ड ड्रिंक्स का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो आपको उच्च रक्तचाप की समस्या होने लगती है। क्योंकि कोल्ड ड्रिंक में कैफीन होता है, जो उच्च रक्तचाप की समस्या को बढ़ने में मदद करता है। एक बार कैफीन की लत लगने के बाद लोगो का स्वभाव लगभग चिड़चिड़ा रहता है जिससे उनका रक्तचाप बढ़ने लगता है। उच्च रक्तचाप को किडनी खराब होने का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। 
मधुमेह होने का खतरा –
कोल्ड ड्रिंक के सेवन से मधुमेह होने का खतरा बना रहता है। क्योंकि कोल्ड ड्रिंक्स के अंदर ढेर सारी चीनी घुली हुई होती है। अगर आप नियमित रूप से कोल्ड ड्रिंक का सेवन करते हैं, तो आपकी रक्‍त शर्करा की मात्रा काफी बढ़ जाती है। इसे संतुलित करने के लिए आपका शरीर इनसुलिन का अधिक निर्माण करने लगता है। इससे थोड़ी ही देर में आपकी रक्‍त शर्करा गिर जाती है और आप इस कमी को पूरा करने के लिए चीनी युक्‍त सोडा या अन्‍य पदार्थों का सेवन करने लगते हैं। मधुमेह होने पर किडनी की कार्यक्षमता पर काफी बुरा असर पड़ता है। क्योंकि रक्त में शर्करा की मात्रा अधिक होने पर किडनी को शर्करा से भरे हुए रक्त को साफ करने मे उसके फिलेत्र्स क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। और लम्बे समय तक ऐसा होने पर किडनी खराब हो जाती है। 
दिल हो सकता है बीमार –
अगर आप कोल्ड ड्रिंक का अधिक सेवन करते हैं तो आपको दिल से जुड़ी समस्या होने का खतरा बना रहता है। क्योंकि इसमें सोडा मिलता है जो दिल से जुड़ी समस्या को बढ़ावा देता है। सोडा ड्रिंक में काफी मात्रा में सोडियम और कैफीन मिलता है जो आपके दिल के लिए खतरनाक होते हैं। सोडियम शरीर में तरलता रोकने का काम करता है, वहीं कैफीन से हृदयगति और रक्‍तचाप बढ़ जाता है। इसका सीधा असर किडनी पर पड़ता है जिससे किडनी के नेफ्रोन क्षतिग्रस्त होने लगते हैं। इसके अलावा रक्त प्रवाह में भी बढ़ा आती है, जिसे दिल का दौरा पड़ने का भी खतरा रहता है।
तनाव बढ़ाए –
कोल्ड ड्रिंक का अधिक सेवन करने से व्यक्ति के स्वाभाव पर बुरा असर पड़ता है। क्योंकि कोल्ड ड्रिंक का सेवन करने से तनाव होने का खतरा बना रहता है। कोल्ड ड्रिंक में मिलाए गए रसायनिक तत्वों से दिमाग के रासायनिक कंपोजिशन पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में कोल्ड ड्रिंक का अधिक सेवन करने से भविष्य में डिप्रेशन और तनाव होने का खतरा बना रहता है। जब कोई व्यक्ति तनाव में रहता है तो उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है, जिससे व्यक्ति जल्दी-जल्दी बीमार होने लगती है।
वजन बढ़ता है -
कोल्ड ड्रिंक का अधिक सेवन करने से वजन बढ़ने का भी खतरा बना रहता है। इसके पीछे कोल्ड में मिलने वाले रासायनिक पदार्थ होते हैं। कोल्ड ड्रिंक्स में चीनी अधिक मात्रा में होती है जो वजन बढ़ने का सबसे कारण माना जाता है, इसके अलावा इसमें सोडा भी मिलता है जो वजन बढ़ने में मदद करता है। 600 मिली‍लीटर सोडा में 240 कैलोरी होती हैं। अगर आप रोजाना एक कैन कोल्ड ड्रिंक या सॉफ्ट ड्रिंक पीते हैं तो साल भर में आपका वजन साढ़े 14 पाउंड यानी करीब साढ़े छह किलो तक बढ़ सकता है। अधिक वजन बढ़ने से शरीर बीमारियों का घर बन जाता है जिसके चलते किडनी खराब होने का खतरा बढ़ जाता है।
गठिया होने की संभावना बनती है -
अगर आप काफी समय से कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन कर रहे हैं, तो आपको गठिया की समस्या होने का खतरा रहता है। क्योंकि कोल्ड ड्रिंक का अधिक सेवन करने से शरीर में यूरिक acid की मात्रा बढ़ने लगती है जो गठिया होने का सबसे बढ़ा कारण होता है। इससे जोड़ो में सूजन के साथ-साथ दर्द भी होता है। गठिया की समस्या किडनी की कार्यक्षमता में आई कमी के कारण होती है। यह किडनी खराब होने की तरह इशारा करता है। इसलिए किडनी को स्वस्थ रखने के लिए कोल्ड ड्रिंक का सेवन ना के बराबर ही करना चाहिए।
दांतों को नुकसान होता है -
अगर आप डेंटिस्ट के पास जाने से बचना चाहते हैं, तो आपको कोल्ड ड्रिंक के सेवन से बचना चाहिए। कोल्ड ड्रिंक के अधिक सेवन से दांतों से जुड़ी समस्या होने लगती है। ड्रिंक में मीठा होता है जो मुह में पलने वाले बैक्‍टीरिया को पनपने में मदद करता है। बैक्‍टीरिया इसे खाते हैं और ऐसे एसिड का निर्माण करते हैं जो दांतों के इनेमल को नष्‍ट कर कैविटी का निर्माण करता है। इसलिए अगर आप कोल्ड ड्रिंक या सोडा का सेवन करते है तो उस्क्जे बाद जितना हो सके कुल्ला करना चाहिए। ऐसा करने से दांत खराब होने का खतरा काफी कम हो जाता है।
हड्ड‍ियों का कमजोर होना -
कोल्ड ड्रिंक आपकी हड्डियों से कैल्शियम सोखने का काम करता है। जिससे हड्डियां कमजोर और भंगुर हो जाती हैं। कोल्ड ड्रिंक में फॉस्फोरिक एसिड मिला होता है जोकि अम्लीय होता है यह हड्ड‍ियों से कैल्शियम सोख लेता है। कैफीन भी कैल्शियम सोखने का काम करती है जिससे हड्ड‍ियों पर बुरा असर पड़ता है। हमारी किडनी खून साफ करने के साथ-साथ हड्डियों को मजबूत करने का भी कार्य करती है।