नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम निरंजन मेहरा है मैं बिहार का रहेने वाला हूँ। मैं
बिहार सरकार में ही काम करता हूँ, मेरा काम जनसंपर्क का है जिसके लिए मुझे अक्सर
बाहर आना जाना पड़ता है। मैं हमेशा ही अपने काम के चक्कर में काफी थक जाता हूँ,
लेकिन मुझे अपने काम में मजा बहुत आता है। मैं बहुत से लोगो से मिलता हूँ, उनकी
बाते सुनता हूँ। तरह-तरह के लोग मिलते हैं, सबकी अपनी कुछ ना कुछ कहानी होती है
जिसे सुनने में बहुत मजा आता है।
कुछ लोग तो ऐसे भी मिलते जो इतिहास से जुडी हुई बाते भी बताते हैं, जो कि आज
कल आपको कहीं भी किताबों में पढने को नहीं मिलेगी, तो इन्टरनेट पर उन बातों को भूल
ही जाइये। जब मैं किसी शहरी इलाके में जाता हूँ तो वहां पर लोग विकास से जुडी हुई
बाते करते हैं, किताबी बाते करते हैं, लेकिन जब मैं किसी गावं में जाता हूँ तो
वहां पर बड़े बुजुर्ग मुझे अक्सर कबीर, तुलसीदास से जुडी हुई बाते बताते।
एक बार मैं ऐसे ही एक दूर गावं में गया था, जहाँ पर मैं बुजुर्ग महिला से मिला।
उन्होंने मुझे शुरू में तो बहुत सी बातें बताई लेकिन
उन्होंने मुझे एक ऐसी बात बताई जिसपर एकान करना बहुत ही मुश्किल था। उन्होंने मुझे
आयुर्वेद के चमत्कार के बारे में बताया, उन्होंने मुझे बताया कि उनकी बेटी किडनी
खराब हो गई थी, जिसे एलोपैथी उपचार ठीक नहीं कर पाया लेकिन आयुर्वेद ने खराब हुई
किडनी को बड़े आराम से ठीक कर दिखा दिया।
उन बुजुर्ग महिला का नाम बिमला था और उनकी बेटी का नाम रानी था, उनके अनुसार
उनकी बेटी की दोनों किडनियां खराब हो गई थी, जिसे एलोपैथी के डॉक्टरों ने ठीक होने
से इंकार कर दिया था, आम भाषा में कहें तो उनको जवाब दे दिया गया था। उन महिला ने
मुझे बताया कि उनकी बेटी शुरू से ही खेल कूद में काफी आगे रही है, वो रोज़ ही
सुबह-सुबह दौड़ मरने जाती थी और अपने स्कूल में कबड्डी टीम की कैप्टन भी रही है।
लेकिन वह हमेशा से ही अक्सर बीमार सी ही रहती थी, जिसके कारण उसे कई दिक्कतों
का सामना भी करना पड़ता था। लेकिन वो कसरत करने के चलते बिमारियों को दूर रखने की
कोशिश करती थी। एक बार जब वो बीमार पड़ी तो डॉक्टर ने उन्हें बताया कि इसका
ब्लडप्रेशर काफी बढ़ा हुआ है, और ऐसा लग रहा है कि इनका ब्लडप्रेशर हमेशा से ही बढ़ा
हुआ रहता है। उन्होंने आगे मुझे बताया कि पहले तो हमें इस बारे में कुछ नहीं पता था
कि ये ब्लडप्रेशर होता क्या है, जिसके बारे में उन्हें डॉक्टर ने अच्छे से बताया। काफी
साल सब ठीक चलता रहा लेकिन एक उनकी बेटी की तबियत ख़राब हो गई, उसे अचानक से तेज़
बुखार चढ़ गया था।
उन्होंने बताया कि उनका बुखार उतरने का नाम ही नहीं ले रहा था, इसके साथ ही साथ
उसे पेट में भी दर्द होने लगा था, वो उस दर्द को सहन ही नहीं कर पा रही थी। उसकी
हालत को देखते हुए सब सभी लोग काफी दुखी थे, कुछ दिनों में उसे हल्का सा आराम तो
मिला लेकिन फिर हमने देखा कि उसके पैरों में और चेहरे पर सूजन आई हुई है। जिसे देख
कर हम सब काफी डर गए थे, हमने उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाया, जहाँ पर डॉक्टर ने उसे
भर्ती करने से मना कर दिया था। गावं के डॉक्टर ने हमसे कहा कि इसकी हालत काफी खराब
हो चुकी है, अगर कुछ हो गया तो मई इसका जिम्मेवार नहीं होऊंगा।
उन्होंने आगे बताया कि उसे हम सब तुरंत पास में ही एक बड़े हॉस्पिटल में ले
गये, जहाँ पर हमने रानी के बारे में डॉक्टर को सब कुछ बताया। जब डॉक्टर को ये पता
चला की इसे हाई ब्लडप्रेशर की समस्या है और इसकी समस्याओं को देखते हुए उन्होंने
हमसे कहा कि ऐसा लग रहा है कि इसकी किडनी खराब हो गई है। जैसे डॉक्टर ने हमसे किडनी
खराब होने की बात कही तो हम सब डर गये, हम यही सोच रहे थे कि शराब पीने से किडनी
खराब होती है, लेकिन रानी तो ये सब करती नहीं है। डॉक्टर ने हमें बताया कि
ब्लडप्रेशर हाई रहने से भी किडनी खराब हो जाती है। इसके साथ ही डॉक्टर ने कुछ
टेस्ट करवाने को कहा, जो हमें उसी समय करवा लिए।
सारे टेस्ट्स की रिपोर्ट्स अगले दिन तक आने वाली थी तब तक रानी को हॉस्पिटल
में ही दाखिल रखा गया। डॉक्टर को पहले से ही लग रहा था कि रानी की किडनी खराब हो
चुकी है और जब रिपोर्ट्स आई तो उसमे भी यही आया। बिमला जी ने मुझे बताया कि
रिपोर्ट्स के अनुसार रानी की किडनी 40 से 50 प्रतिशत तक खराब हो चुकी है, जिसकी
वजह से ही उसकी तबियत इतनी खराब हो रही है। डॉक्टर ने रानी के परिवार को बताया कि
इसको अभी डायलिसिस की जरूरत है, नहीं तो इसकी तबियत और ज्यादा खराब होती जाएगी।
उन्होंने मुझे बताया कि हमने डायलिसिस के लिए हाँ भर दी, बबिता जी ने जिस प्रकार मुझे इस बारे में बताया
मुझे काफी अजीव लगा, ऐसा लग रहा था कि वो लोग डायलिसिस के लिए तैयार नहीं थे।
लेकिन उनके सामने डायलिसिस के अलवा कोई दूसरा चारा भी नहीं था, जिसके कारण से ही
उनको इसके हाँ भरनी पड़ी। खैर, उन्होंने मुझे बताया कि दो हफ्ते तक रानी का
डायलिसिस चलता रहा, जिससे उसकी तबियत में हल्का सा सुधार नज़र तो आने लगा लेकिन जब
उसका डायलिसिस होता था तो उसे काफी तकलीफ होती थी।
जब तक डायलिसिस होता तब तक वो ठीक रहती लेकिन बाद में उसकी तबियत खराब हो जाती।
बबिता जी ने आगे बताया कि उन्होंने डॉक्टर बदलने कि सोची, चाहे हमे इसे कही ले
जाना पड़े लेकिन हम इसको ठीक करेंगे। इस बीच रानी को किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के
लिए कहा जाने लगा, जब ये बात बबिता जी मुझे बता रही थी तो वो काफी दुखी हो गई थी
और बीएस रोने ही वाली थी। सच में किडनी ट्रांसप्लांट के बारे में सोचना काफी
हिलाने वाला विचार है। उन लोगो ने इसके लिए तुरंत ही मना कर दिया था।
उन्होंने मुझे आगे बताया कि हमने अपनी बेटी के लिए दूसरा डॉक्टर देखना शुरू कर
दिया था, हम सब शहर-शहर इस बारे में डॉक्टर से मिल रहे थे, लेकिन सभी डायलिसिस के
लिए ही बोलते। अब तक हमको भी इस बारे में पता चल चूका था कि डायलिसिस से कुछ भी
नहीं होने वाला है। फिर एक दिन हमें लगा कि क्यों ना हम आयुर्वेदिक दवाइयां लें। हमने
इस बारे में देखना शुरू कर दिया, हम पास के ही एक आयुर्वेदिक अस्पताल में भी गए
लेकिन वहां पर हमें कोई खास उम्मीददिखाई नहीं दी।
बबिता जी मुझे इन सबके बारे में जब बता रही थी तो मुझे ऐसा लग रहा था कि ये सब
मेरे साथ ही हुआ है। उन्होंने काफी ख़ुशी के मुझे आगे बताया कि एक दिन वो जब
अस्पताल गई हुई थी तो वहां पर उनकी मुलाकात एक व्यक्ति से हुई, जिन्होंने उनकी
जिंदगी बदल कर रख दी। वो उन इन्सान के बारे में कुछ ऐसे बता रही थी, जैसे की वो
कोई फैश्ता थे उनके लिए। उन्होंने बताया कि उस व्यक्ति ने उनको कर्मा आयुर्वेदा
जाने को कहा। उन्होंने बताया कि उस अंजन व्यक्ति ने उनसे कहा, “आप अपनी बेटी को
दिल्ली क्यों नहीं ले जाते, वहां पर एक आयुर्वेदिक हॉस्पिटल है, जिसका नाम कर्मा
आयुर्वेदा है, वहां पर बिना डायलिसिस के ही खराब किडनी को ठीक किया जाता है”।
बस फिर क्या था, बबिता जी ने उनकी बात मानी और रानी को लेकर वो दिल्ली रवाना
हो गई और वहां पर वो सीधा कर्मा आयुर्वेदा पहुंची। कर्मा आयुर्वेदा में उनकी
मुलाकात, डॉ. पुनीत धवन से हुई। उन्होंने मुझे बताया कि डॉ. पुनीत धवन कर्मा
आयुर्वेदा के बड़े डॉक्टर है। मैंने इस बारे में नेट पर देखा तो मुझे पता चल कि वो
एक किडनी स्पेस्लिस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर है। बबिता जी के अनुसार डॉ. पुनीत धवन ने
उनको तीन महीने तक आयुर्वेदिक दवाएं खाने की सलाह दी थी। साथ में ही डॉ. पुनीत धवन
ने उनको खाने से जुडी हुई बहुत इस बातें भी बताई थी और योग करने की भी सलाह दी थी।
आप सोच रहें होंगे की मैं आपको कोई परी की कहानी सुना रहा हूँ, बबिता जी कि
बाते सुनकर मुझे भी पहले यही लग रहा था, लेकिन ये सच है। मैंने इस बारे में घर आकर
नेट पर अच्छे से देखा, कर्मा आयुर्वेदा के बारे में पढ़ा और ये भी देखा कि क्या सच
में आयुर्वेद की मदद से खराब हुई किडनी को ठीक किया जा सकता है। हाँ, आपको बता
दूँ, रानी अब एक स्कूल में स्पोर्ट्स टीचर है।
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