क्या गोखरू किडनी के लिए लाभकारी है?

Image result for गोखरू
किडनी सबसे खास अंग माना जाता है, यह व्यक्ति के शरीर में रासायनिक संतुलन बनाने का कार्य करती है, जोकि शरीर के विकास और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होती है। राजमा की भांति दिखाई देने वाली हमारे शरीर से अपशिष्ट उत्पादों, क्षार और अम्ल जैसे तत्वों को शरीर से बाहर निकाल कर संतुलन बनाती है। लेकिन कुछ कारणों के चलते जब किडनी अपने इस मत्वपूर्ण कार्य को अंजाम देने में समर्थ नहीं होती तब व्यक्ति का शरीर अनेक समस्याओं से घिर जाता है। हमें अपनी किडनी को हमेशा स्वस्थ रखना चाहिए, इसके लिए आप औषधियों का प्रयोग कर सकते हैं। किडनी के लिए “गोखरू” सबसे उत्तम औषधि मानी जाती है। यह आयुर्वेदिक औषधि किडनी रोगी के लिए रामबाण की भांति काम करती है।
गोखरू क्या है?
गोखरू एक खास किस्म की आयुर्वेदिक औषधि है, वैज्ञानिक भाषा में गोखरू को ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस (Tribulus terrestris) के नाम से जाना जाता है। गोखरू के महत्व को आप इस बात से भी समझ सकते हैं कि इसका वर्णन आयुर्वेद में भी मिलता है। इसमें मूत्रवर्द्धक गुण भी पाए जाते हैं जो पेशाब के जरिए विषाक्तम पदार्थों को शरीर से बाहर निकाल देता है। यह औषधि ना केवल किडनी के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह और भी कई बीमारियों में लाभकारी है। यह तासीर में बहुत गर्म होता है, जिसकी वजह से इसे सर्दियों में इसका इस्तेमाल कर हम कई बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं। गोखरू के फूल पीले रंग के होते हैं, यह पौधा मुख्य रुप से राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, जैसे मैदानी और सूखे ईलाकों में पाया जाता है। गोखरू के पत्ते, फल और इसका तना तीनों रूपो में उपयोग किया जाता है, इसके फल पर कांटे लगे होते हैं यानि की गोखरु का फल कंटीला होता है।
गोखरू किडनी को कैसे स्वस्थ रखता है?                                       
गोखरू कई तरीकों से किडनी को स्वस्थ रखने में सहायक होता है। अगर आप किडनी के रोगी है तो आपको गोखरू का प्रयोग इस्तेमाल जरूर करना होगा। लेकिन आपको इसके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लेनी चाहिए। गोखरू किडनी को निम्न तरीकों से स्वस्थ रखने में मदद करता है :-
पथरी से रहत दिलाए - अगर आप किडनी में पथरी की बीमारी से जूझ रहें हैं, तो आपको गोखरू का सेवन जरूर करना चाहिए।  इसके लिए आप गोखरू के फल को धुप से इतर छाव में अच्छे से सुखा कर इसका चूर्ण बना लें। सूखे गोखरू से तैयार चूर्ण को शहद में मिलाकर सुबह और शाम इसका सेवन करना शुरू करें। अगर आप चूर्ण का सेवन करने में समर्थ नहीं है तो आप इससे काढ़ा बना कर भी इसका सेवन कर सकते हैं। गोखरू के नियमित सेवन से पथरी जल्द ही टूटकर पेशाब के साथ शरीर से बाहर निकल जायगी। आप गोखरू के चूर्ण का सेवन दूध में उबालकर मिश्री के साथ भी कर सकते हैं, अगर आप मधुमेह रोगी हैं तो आप मिश्री को कम मात्रा में लें।
पेशाब से जुड़ी समस्या में राहत दिलाए - पेशाब से जुड़ी समस्यों के लिए गोखरू काफी फायदेमंद औषधि है। गोखरू के अंदर एंटिलिथियेटिक गुण पायें जाते हैं, जिसके चलते यह स्वस्थ मूत्र प्रवाह (Healthy urine flow) को बनाएं रखता है, जिससे मूत्र पथ (urinary tract) संबंधित परेशानियों  से छुटकारा मिलता है। यह मूत्राशय (urinary bladder) और किडनी की सफाई कर सारें विकारों को दूर भगाता है, साथ ही गोखरू मुत्रबाधक (Uroblast) को दूर करता है, जिससे मूत्र के प्रवाह नियमित होता  है। गोखरू का सेवन करी पत्ता के साथ 12 सप्ताह करने से यह पुरुषों में यूरेनरी ट्रैक की कार्यप्रणाली को सुधारता है और पेशाब संबंधी समस्याएं दूर करता है।
क्रिएटिएन और यूरिया स्तर सुधारे किडनी खराब हो जाने कारण शरीर में क्रिएटिएन और यूरिया का स्तर बढ़ जाता है, जिसके कारण किडनी की कार्यक्षमता दर लगातार गिरती रहती है। ऐसे में क्रिएटिएन के स्तर को कम करना बहुत जरुरी होता है। इसके लिए एलोपैथी उपचार में डायलिसिस का सहारा लिया है, जबकि आयुर्वेद में आयुर्वेदिक औषधियों की मदद से ही इसके स्तर को कम किया जा सकता है। किडनी रोगी गोखरू के काढ़े का सेवन करे तो जल्द ही उसका क्रिएटिएन और यूरिया स्तर कम हो जायगा। इसके सेवन से पहले आप अपने चिकित्सक की सलाह जरूर लें। क्रिएटिएन और यूरिया का स्तर बढ़ना किडनी खराब होने का आम संकेत है आप रक्त जांच से इसकी पहचान कर सकते हैं।
सूजन में रहत दिलाए -
किडनी खराब हो जाने पर शरीर के कई हिस्सों में सूजन आ जाती है, जिसके चलते रोगी को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर आप गोखरू के चूर्ण से बने काढ़े का सेवन करते हैं तो आपको सूजन में जल्द रहत मिलेगी। गोखरू और भी अन्य कारणों के चलते आने वाली सूजन में राहत दिलाता है।
गोखरू के इस्तेमाल में किन बातों का रखे ध्यान?
अगर आप अपने स्वास्थ्य के लिए गोखरू का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आपको नीचे लिखी बातों का खास ध्यान रखना चाहिए :-
Ø  बिना किसी चिकत्सक या वैध की सलाह के गोखरू का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
Ø  90 दिन से ज्यादा समय तक गोखरू का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे कई शारीरिक कठिनाइयाँ हो सकती है। लंबे समय तक गोखरू का सेवन करने से किडनी संबंधी परेशानी पैदा हो जाती है। 
Ø  अधिक मात्रा में गोखरू का सेवन करने से पेट दर्द, ऐंठन जैसी समस्या पैदा हो सकती है। अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से जी-मिचलाने, उल्टी, नींद आने में परेशानी होने जैसी समस्या भी पैदा हो जाती है।
Ø  गोखरू का सेवन ज्यादा करने से पीरियड्स में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने की परेशानी पैदा हो जाती है।
Ø  अगर आपका हाल ही में ऑपरेशन हुआ है या किसी अन्य मेडिकल ट्रीटमेंट से गुजर रहे हैं तो गोखरू का सेवन नहीं करना चाहिए। यह रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ा देता है, जोकि ऑपरेशन के दौरान हानिकारक साबित हो सकता है। इसके साथ ही यह रक्तचाप को भी निम्न कर देता है। इसलिए ऐसे में इसके सेवन से बचना चाहिए।
Ø  गर्भवती महिला को भूलकर भी गोखरू का सेवन नहीं करना चाहिए, खास कर तीसरे माह से। इस दौरान गोखरू का सेवन करने से भूर्ण का ठीक तरीके से विकास नहीं हो पाता और इसके अलावा स्तनों में पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं आता जिससे स्तनपान संबंधित समस्या पैदा हो जाती है।
Ø  अगर आप मधुमेह से जुझ रहे हैं तो आपको गोखरू के सेवन से जितना हो सके बचना चाहिए। क्योंकि यह शर्करा के स्तर को बढा देता है, जिससे मधुमेह को काबू करना मुश्किल हो जाता है।
किडनी खराब होने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं?
आयुर्वेद में किडनी खराब होने के कारण आने वाली समस्याओं को दूर करने पर विशेष ध्यान दिया जाता है। किडनी खराब होने के दौरान हमारे शरीर में निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं -
v  पेट में दाई या बाई ओर असहनीय दर्द होना
v  नींद आना
v  कमर दर्द होना
v  शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन
v  आंखों के नीचे सूजन
v  कंपकंपी के साथ बुखार होना
v  पेट में दर्द
v  पेशाब में रक्त और प्रोटीन का आना
v  बेहोश हो जाना
v  पेशाब में प्रोटीन आना
v  सांस लेने में तकलीफ
v  बार-बार उल्टी आना
v  पेशाब करने में दिक्कत होना
v  गंधदार पेशाब आना
v  पेशाब में खून आना
v  अचानक कमजोरी आना

Post a Comment

0 Comments