किडनी को स्वस्थ कैसे रखे?


मानव शरीर में किडनी का बहुत बड़ा महत्व है इसके बिना मानव शरीर काम नहीं कर सकता। यह हमें स्वस्थ रखने के लिए कई कार्य करती है जो कोई दूसरा अंग नहीं कर सकता। किडनी का आकर राजमा की तरह होता है, यह भले ही आकार में छोटी होती है लेकिन इसके बहुत से काम है। किडनी हमारे शरीर में अपशिष्ट उत्पाद क्षार और अल्म जैसे जहरीले तत्वों को बाहर निकालने का काम करती है। किडनी इसके अलावा रक्त शोधन का कार्य भी करती है जिससे पुरे शरीर में शुद्ध रक्त प्रवाह होता रहता है, किडनी हड्डियों को मजबूत करने का भी कार्य करती है। किडनी खराब हो जाने के कारण इसके दुष्प्रभावों को ना केवल रोगी बल्कि उसके परिवार को भी सहन करना पड़ता है। किडनी बीमारी बहुत सी नकारात्मक प्रभावों को अपने साथ साथ में लाती है।
हमारी कुछ बुरी आदतों के कारण किडनी खराब हो जाती है। हमारे खाने-पीने का कोई ठीक समय नहीं और हम वर्तमान समय में पौष्टिक आहार के स्थान पर बाहर का खाना ज्यादा खा रहे हैं जोकि मसलों और तेल से भरा हुआ होता है। इसका सीधा आहार हमारे शरीर पर पड़ता है जिससे हमारी किडनी प्रभावित होने लगती है। इसके अलावा भी ऐसी कई चीज़े हैं जिनके कारण हमारी किडनी खराब होती है। जब हमारी किडनी खराब हो जाती है तो वह अपने जरूरी कामों को करने में असमर्थ हो जाती है जिसके चलते हमारा शरीर कई समस्याओं में घिर जाता है। ऐसे में हमें चाहिए की किडनी को खराब होने से बचाया जाए। जिसके लिए हमें अपनी कई आदतों को छोड़ना चाहिए, जिनके कारण से किडनी खराब होती है।
इस प्रकार किडनी को रखें स्वस्थ :-
किडनी के महत्व के बारे में आपने ऊपर जाना,  इसलिए हमें अपनी किडनी का खास ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए आपको औषधियों का सेवन करने की कोई जरुरत नहीं है बल्कि आप कुछ बातों का ध्यान रख कर ही अपनी किडनी को स्वस्थ रख सकते हैं, जो निम्नलिखित है
वजन बढ़ने से रोके  -
अधिक वजन होने का मतलब है किडनी को विषाक्त पदार्थों को फिल्टर करने और बढ़े हुए शारीरिक द्रव्यमान की चयापचय की जरूरत को पूरा करने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। मोटापा किडनी की बीमारी के दो प्रमुख जोखिम कारणों, मधुमेह और उच्च रक्तचाप होने के खतरे को भी बढ़ाता है।
धुम्रपान ना करें -
धुम्रपान करने से आपको श्वास से संबंधित समस्या होने की आशंका काफी बढ़ जाती है। यह आपको ना केवल छाती और सांस से जुड़ी समस्या देता है बल्कि इससे आपकी किडनी भी काफी प्रभावित होती है। अगर आप किडनी को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो आपको धुम्रपान का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो यह आपकी किडनी को और अधिक क्षतिग्रस्त करने के साथ रक्त शर्करा स्तर और रक्तचाप को बढ़ा सकता है।
शारीरिक सक्रियता बढ़ाएं -
जब कोई व्यक्ति आलस और थकान से भर जाता है तो उसके कारण किडनी से जुड़ी कई समस्याएं बढ़ने लगती है। ऐसे में व्यक्ति को अपनी क्षमतानुसार अपनी शारीरिक सक्रियता ओ बढ़ाए रखना चाहिए। इसके लिए रोगी को अपने आहार का खास ख्याल रखना चाहिए और छोटे-छोटे कार्य करते रहना चाहिए, जिससे वह अपने शरीर में फुर्ती को महसूस कर सकते हैं।
मधुमेह को काबू रखें -
मधुमेह किडनी खराब होने का मुख्य कारण माना जाता है। मधुमेह होने पर रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है, शर्करा से भरे हुए रक्त को शुद्ध करते समय किडनी के नेफ्रोन पर दबाव पड़ता है। किडनी के नेफ्रोन पर लगातार दबाव पड़ने के कारण किडनी खराब हो जाती है।
मूत्र संक्रमण के होने से बचे -
मूत्र संक्रमण होने के कारण से भी किडनी खराब होने की संभावना बनी रहती है। क्योंकि किडनी संक्रमण होने पर पेशाब शरीर से बाहर जाने में असमर्थ हो जाता है। जिसके कारण किडनी की सफाई नहीं हो पाती और शरीर में यूरिया, क्रीएटिनिन जैसे विषाक्त तत्वों की मात्रा बढ़ने लगती, जिसके चलते किडनी खराब हो जाती है। मूत्र संक्रमण से बचने के लिए आपको चाहिए कि आप खूब पानी पीना चाहिए।
दर्दनिवारक दवा लेने से जितना हो सके परहेज करें -
कुछ लोगो को हर छोटी छोटी समस्या में दर्द निवारक दवाएं लेने की आदत होती है। लेकिन यह अहमारी किडनी के लिए हानिकारक होती। अधिक मात्रा में दवाओं के सेवन से किडनी के फिल्टर्स पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे वह समय के साथ खराब होना शुरू हो जाते हैं। एक बार किडनी के फिल्टर्स खराब हो जाएं तो उन्हें दोबारा ठीक करना बहुत ही मुश्किल होता है और फिल्टर्स का खराब होने का मतलब है किडनी का खराब होना। किडनी को नुकसान पहुंचाने वाली दवाओं को नेफ्रोटॉक्सिक दवाओं के नाम से जाना जाता है।
रक्तचाप को बढ़ने से रोके -
किडनी खराब होने के पीछे सबसे बड़ा कारण है उच्च रक्तचाप इसके बढ़ने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन इसका सबसे बढ़ा कारण है ज्यादा नमक का सेवन करना। जब नमक की मात्रा हमारे रक्त में ज्यादा हो जाती है तो हमे उच्च रक्तचाप की समस्या होती है। उच्च रक्तचाप के कारण शरीर में रक्त प्रवाह में समस्या होती है। रक्त में सोडियम की अधिक मात्रा होने के कारण किडनी को रक्त शुद्ध करने के दौरान फिल्टर्स पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है और किडनी खराब हो जाती है।
चाय और  कॉफी के अधिक सेवन से बचे  -
अगर आप चाय या कॉफी के अधिक शोकिन है तो आपको इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। आप इसके विकल्प में ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं। कैफीन का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए, यह चाय या कॉफी में उपलब्ध है जो आपकी किडनी को तनाव दे सकती है। ग्रीन टी किडनी को डिटॉक्स करती है, इसलिए वे शरीर से कचरे को छानने और बाहर निकालने के लिए अच्छी तरह से काम कर सकती हैं।
पोटेशियम युक्त आहार कम लें -
किडनी की समस्याओं से बचने के लिए व्यक्ति को अपने आहार में से पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थों की कटौती करनी चाहिए। पोटेशियम की मात्रा को कम करने के लिए कम मात्रा में फलों और सब्जियों का उपभोग करना चाहिए। हालांकि पोटेशियम का सेवन तभी कम करना है, जब इसकी आवश्यकता हो, यह फिर आपकी किडनी का फंग्शपन 20 प्रतिशत से भी नीचे चला गया हो। पोटेशियम उच्च रक्तचाप की समस्या से निदान पाने के लिए जरुरी होता है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। शरीर में पोटेशियम की मात्रा कम करने के लिए आप संतरा, पालक, अनार, केला, अंगूर, टमाटर, केला आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ ना लें –
प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ (processed foods) का सेवन नहीं करना चाहिए। यह आपको पाचन से जुड़ी समस्या को पैदा कर सकते हैं। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ का जिनका सेवन करने से आपके पेट में गैस बनने लगती है और संक्रमण होने की आशंका भी रहती है। इसलिए केन फूड, चिप्स आदि खाने के बजाए साबुत आहार खाएं जो सेहतमंद भी होते हैं।
हाई ऑक्सालेट खाद्य प्रदार्थ से बचे -
किडनी को स्वस्थ रखने के लिए हाई ऑक्सालेट खाद्य प्रदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए। हाई ऑक्सालेट खाद्य प्रदार्थ किडनी में पथरी का कारण बन सकते हैं। किडनी में पथरी से बचने के लिए ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए जिनमे ऑक्सा लेट एसिड की मात्रा अधिक हो। कॉफी, चाय, टोफू, बीट, जामुन, बादाम, संतरे, मीठे आलू, बीन्स, चॉकलेट, अंधेरे पत्तेदार हरी सब्जियां और मसौदा बियर (Draft beer ) में ऑक्सालेट एसिड की मात्रा अधिक पाई जाती है।
कम मात्रा में प्रोटीन लें -
उच्च प्रोटीन युक्त आहार का सेवन नहीं करना चाहिए। उच्च प्रोटीन किडनी की विफलता का कारण बन सकता है। इसी कारण आपको उच्च प्रोटीन वाले आहार का सेवन नहीं करना चाहिए। दूध, पनीर, दही, मीट में अधिक प्रोटीन होता है। प्रोटीन बार का सेवन नहीं करना चाहिए। सामान्यतः 0.8 से 1.0 ग्राम/ किलोग्राम प्रतिदिन शरीर के वजन के बराबर प्रोटीन लेने की सलाह दी जाती है। आमतौर पर प्रोटीन बार में एक चॉकलेट ब्राउनी के रूप में दोगुनी मात्रा में फैट और कॉर्बोहाइड्रेट पाया जाता है, जोकि नुकसानदायक होता है।

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