किडनी में इंफेक्शन को रोकने के उपाय


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हमारे शरीर में किडनी एक महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। ह्रदय द्वारा पम्प किए हुए रक्त का 20% किडनी द्वारा साफ किया जाता है। फिर इसमें से निकलने वाले विषैले और अपशिष्ट पदार्थों को पेशाब के जरीए बाहर कर दिया जाता है। दुर्भाग्य से हमें किडनी में होने वाले इंफेक्शन की जानकारी इसके पहले स्टेज में नहीं हो पाती है और जब तक हमें पता चलता है। तब तक बहुत देर हो चुकी होती है, इसलिए इसके लक्षणों की पहचान करना बहुत जरूरी होता है। 

क्या है किडनी इंफ्केशन?
किडनी इंफेक्शन एक विशिष्ट प्रकार का यूरिन ट्रेक इंफेक्शन (यूटीआई) है, जो आमतौर पर आपके मूत्रमार्ग या मूत्राशय से शुरू होता है और आपकी किडनी तक जाता है। किडनी इंफेक्शन के लिए तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है। अगर ठीक तरह से इलाज नहीं किया जाए, तो किडनी इंफेक्शन आपकी किडनी को स्थायी रूप से नुकसान पंहुचा सकते हैं या बैक्टीरिया आपके रक्त में फैल सकते हैं। जिससे जानलेवा इंफेक्शन हो सकता है। किडनी इंफेक्शन के इलाज पर एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल शामिल है और अक्सर अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है। 
किडनी इंफेक्शन के जोखिम कारक - 
निम्नलिखित कारकों की वजह से किडनी इंफेक्शन के विकार का खतरा बढ़ जाता है - 
महिला - यह आमतौर पर महिलाओं में देखा जाता है, क्योंकि उनका पेशाबमार्ग योनि के करीब होता है। यह बैक्टीरिया के प्रवेश के लिए एक आसान आधार बन जाता है। गर्भाव्स्था से किडनी में इंफेक्शन होने का खतरा भी बढ़ जाता है। 
पेशाब पथ में रूकावट - पेशाब का कम प्रवाह या मूत्रशय के धीमी खाली होने से किडनी में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
कमजोरी प्रतिरक्षा प्रणाली - कुछ चिकित्सा स्थितियां ऐसी है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करती है और शरीर को कई समस्याओं जैसे मूत्राशय के इंफेक्शन, किडनी के इंफेक्शन आदि के लिए कमजोर बना देती है। 
किडनी इंफेक्शन के लक्षण - 
पेशाब में रक्त या प्रोटीन का आना 
भूख का कम लगाना या वजन घटना 
हाई ब्लड प्रेशर 
त्वचा पर रैशेज और खुजली होना
थकान और सांस लेने में समस्या 
जी मिचलाना और चक्कर आना
मांसपेशियों में ऐंठन
बार-बार पेशाब आने का एहसास होना
हाथ, पैर और टखने में सूजन
किडनी इंफेक्शन होने से रोकें इन उपाय से - 
एप्पल साइडर विनेगर - किडनी इंफेक्शन से बचने में एप्पल साइडर विनेगर के सेवन से फायदा मिलता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल तत्व मौजूद होते हैं जो किडनी को बैक्टीरिया के इंफेक्शन से बचाता है। किडनी मे स्टोन हो तो एप्पल साइडर विनेगर के प्रयोग से धीरे-धीरे पथरी आप खत्म हो जाती है। किडनी स्वस्थ रखने और विषैले पदार्थ बाहर निकालने में भी ये उपाय काफी फायदेमंद है। 
मुनक्का - रात को सोने से पहले मुनक्का के कुछ दाने पानी में भिगो कर रखें और अगली सुबह इस पानी से मुनक्का निकाल कर पानी पिएं। लगातरा कुछ दिन इस घरेलू उपाय को करने से किडनी की बीमारी का इलाज होता है। 
विटामिन - विटामिन पूरे शरीर के लिए जरूरी होते हैं पर कुछ विटामिन किडनी को स्वस्थ रखने में काफी उपयोगी होते हैं, जैसे की विटामिन डी। इससे किडनी रोग के लक्षण कम करने में मदद मिलती है। विटामिन सी किडनी को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने में उपयोगी है और विटामिन बी6 किडनी स्टोन की संभावना को कम करता है। 
जूस पिएं - फलों और सब्जियों का जूस पीने से किडनी रोग का उपचार में उपयोगी है। किडनी से जुड़े रोग ठीक करने के लिए खीरा, लौकी, पत्ता गोभी और गाजर का जूस पिएं। इसके अलावा तरबूज का रस भी किडनी की बीमारी दूर करने के लिए फायदेमंद माना जाता हैं। वैसे किडनी के कुछ मरीजों को जूस की मनाही होती है, इसलिए डॉक्टर सलाह से ही लें।  
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं - किडनी को स्वस्थ रखने के लिए पानी अधिक पिएं। इससे शरीर में मौजूद हानिकारक पदार्थ पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाते हैं। पानी में नींबू को निचोड़ कर पीने से विटामिन सी की भी पूर्ति हो जाती है।
किडनी इंफेक्शन की जांच -
लक्षणों के बारे में पूछने के बाद, आप डॉक्टर से पेशाब की निम्नलिखित जांच कर सकते हैं – 
पेशाब में रक्त, मवाद और बैक्टीरिया की जांच के लिए पेशाब विश्लेषण।
बैक्टीरिया के प्रकार को देखने के लिए यूरिन कल्चर जांच।
अन्य जांच 
डॉक्टर इन जांच का उपयोग करते हैं 
अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन – यूरिन पथ में रूकावट की जांच के लिए आमतौर पर अल्ट्रासाउंड टेस्ट या सीटी स्कैन किया जाता है। अगर उपचार पहले 3 दिनों में काम नहीं करता है। 
वायडिंग सिस्टोस्टोयुरेथ्रोग्राम – पेशाब मार्ग और मूत्राशय में समस्याओं के निदान के लिए वीसीयूजी एक्स-रे का एक प्रकार है। इन्हें अक्सर उन बच्चों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिन्हें वेसिकुरेटेरल रिफ्लक्स है। 
डिजिटल रेक्टल जांच – इस जांच में आपके डॉक्टर प्रोस्टेट की सूजन की जांच करने के लिए किडनी में उंगली डालकर जांच करते है। 
डाइमरकैपसोसकसीनिक एसिड सिनटिग्राफी – यह एक प्रकार का इमेजिंग टेस्ट है जो किडनी इंफेक्शन और नुकसान को बेहतर देखने के लिए रेडियोधर्मी सामग्री का इस्तेमाल करते हैं।  
किडनी इंफेक्शन से मुक्ति पाने के लिए आयुर्वेदिक उपचार 
आयुर्वेद शरीर की बीमारी से निपटने का एक प्राकृतिक तरीका हैं। इस धारा में जड़ी-बूटियों और  कार्बनिक अवयवों की मदद से किडनी की दुर्बलता के इलाज के लिए पांरपरिक मानदंड हैं। पुनर्नवा, कासनी, वरूण, पलाश और शिरीष जैसी अपरिष्कृत जड़ी-बूटियां किडनी इंफेक्शन में सहायता करने के लिए अचुक उपाय हैं। इन प्राकृतिक उत्पादों में औषधीय गुण होते हैं जो रोग को उससे मूल कारण से मुकाबला करने में मदद करते हैं। 
आयुर्वेद रोगियों के लिए कुछ निवारक उपाय भी सुझाता हैं जैसे – 
शरीर से बैक्टीरिया को दूर करने के लिए पर्याप्त तरल पदार्थ पिएं
पेशाब करने की इच्छा होने पर पेशाब को रोक कर न रखें
संभोग के बाद मूत्राशय को खाली करना सुनिश्चित करें
अपने जननांगों पर रासायनिक उत्पादों का उपयोग करने से बचें
कर्मा आयुर्वेदा भारत का प्रसिद्ध आयुर्वेदिक किडनी उपचार केंद्र है। जहां किडनी की बीमारियों का आयुर्वेदिक इलाज किया जाता है। यह सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और आज इसका संचालन डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। कर्मा आयुर्वेदा में सिर्फ आयुर्वेदिक उपचार पर भरोसा किया जाता है। साथ ही डॉ. पुनीत धवन ने सफलतापूर्वक और आयुर्वेदिक उपचार की मदद से 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग मुक्त किया है, वो भी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना। आयुर्वेदिक उपचार में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है जैसे- पुनर्नवा, शिरीष, त्रिफला, गुदुची, वरूण, पलाश, कासनी, लाइसोरिस रूट और गोखरू आदि। यह जड़ी-बूटियां रोग को जड़ से खत्म करने में मदद करती हैं। 

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